Jammu and Kashmir Assembly Elections : नई दिल्ली – इस साल के अंतिम माह या फिर 2023 के आगाज के साथ जम्मू और कश्मीर में चुनाव होने वाले है। वहीं बता दें कि आर्टिकल-370 की खत्म होने के बाद से अब तक प्रदेश में चुनाव नहीं हुए है। लेकिन चुनाव से पहले एक बडी खबर सामने आ रही है। जो बीजेपी के लिए अच्छी हो सकती है। जम्मू और कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला बीजेपी के साथ गठबंधन कर सकते है। लेकिन यह बात किस हद तक सच है इसका बता तो उमर अब्दुल्ला जब बीजेपी के साथ गठबंधन करेंगे तब ही पता चल पाएगा।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Jammu and Kashmir Assembly Elections : वही बता दें कि इस चुनाव को लेकर देश ही नहीं, बल्कि पडोसी देश पाकिस्तान के साथ दुनिया की नजरें टिकी होगी। बीजेपी गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले चुनावों के साथ जम्मू और कश्मीर में होने वाले चुनाव को जीतने के लिए पूरी जान झोंक रही है। लेकिन यह बात भी सच है कि अगर बीजेपी को चुनाव जीतना है कि तो नेशनल कॉन्फ्रेंस को अपने साथ लाना ही होगा।
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Jammu and Kashmir Assembly Elections : जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ति अपनी कट्टर राजनैतिक व्यवहार के लिए जानी जाती है। जब पाकिस्तान एनएसए से बात करने के लिए एक नेता दिल्ली जा रहा था तब उसकी गिरफ्तारी के आदेश जारी किए थे लेकिन तब ही महबूबा मुफ्ति ने इस मामले में दखल देकर उस नेता को रिहा करवा लिया था। वहीं उनकी कट्टर और कटाक्ष राजनैतिक करियर को देखते हुए भाजपा को चुनाव में सतर्क रहने की जरूरत होगी। वहीं महबूबा विस चुनाव में एक कडी टक्कर दे सकती है। इसलिए ऐसा माना जा रहा है कि भाजपा और उमर अब्दुल्ला का मिलन जरूरी है। अगर ऐसा होता है कि दोनों नेशलन कॉन्फ्रेंस और भाजपा का गठबंधन होता है तो चुनाव इन्हीं के पक्ष में जाएगा।
Jammu and Kashmir Assembly Elections : वहीं अगर पिछले चुनाव की बात की जाए तो 2014 नंवम्बर-दिसम्बर में हुए विस चुनाव को में सामने आए परिणाम में सबसे ज्यादा सीटों पर पीडीपी ने परचम लहराया था। पीडीपी ने 28 सीटों पर चुनाव जीता था तो वहीं भाजपा ने भी 25 सीटों पर अपना कब्जा बनाया। लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का 2014 विस चुनाव में प्रदर्शन कुछ अच्छा नहीं दिखा वह केवल 15 सीट पर ही अपना परचम लहरा सकी। भारतीय राष्टीय कांग्रेस 12, पीपुल्स कांफ्रेंस ने 02, सीपीआई एम ने 01, पीपुल्स डेमोक्रेटिक मोर्चा 01, और निर्दलीय ने 03 सीटों पर चुनाव जीता। वहीं अब देखना होगा कि इस बार का चुनाव किसके पक्ष में जाता है।
Jammu and Kashmir Assembly Elections : जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 की समाप्ति के बाद से अब तक चुनाव नहीं हुए हैं। इस बीच नेशनल कांफ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन को लेकर अटकलबाजियां होने लगी हैं। लोगों ने इसके लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर रैना के ट्विटर पर हुए संवाद का सहारा लिया है।
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Jammu and Kashmir Assembly Elections : उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के एक बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि न तो राजनीतिक विरोधी एक दूसरे के दुश्मन होते हैं और न ही राजनीति विभाजन या नफरत के लिए होती है। उनकी इन टिप्पणियों को ट्विटर पर लोगों ने हाथों हाथ लिया। एक यूजर ने इसे नेशनल कॉन्फ्रेंस और भारतीय जनता पार्टी के बीच पिछले दरवाजे से समझौता करने का संकेत करार दिया है।
Jammu and Kashmir Assembly Elections : बता दें कि एक वीडियो में जम्मू और कश्मीर भाजपा प्रमुख रविंदर रैना ने उमर अब्दुल्ला को केंद्र शासित प्रदेश के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न करार दिया है। रैना ने कहा जब मैं उमर अब्दुल्ला के साथ विधानसभा का सदस्य बना तो हमने एक इंसान के रूप में देखा कि उमर अब्दुल्ला जम्मू कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं में एक रत्न हैं। इसलिए हम दोनों दोस्त भी हैं। उन्होंने कहा कि जब वह कोरोना से संक्रमित हुए थे तो उनका हाल जानने वालों में उमर अब्दुल्ला पहले व्यक्ति थे। उन्होंने फोन कर उनका हाल जाना था।
Jammu and Kashmir Assembly Elections : रैना के ट्वीट का जवाब देते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि राजनीतिक रूप से असहमत होने पर राजनेताओं को व्यक्तिगत रूप से एकदूसरे से नफरत करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, राजनीति विभाजन और नफरत के बारे में क्यों है‘ राजनीति यह कहां कहती है कि राजनीतिक रूप से असहमत होने के लिए हमें व्यक्तिगत रूप से एक.दूसरे से नफरत करनी होगी। मेरे राजनीतिक विरोधी हैं, मेरे दुश्मन नहीं हैं। उन्होंने कहा मैं रविंदर रैना के इन शब्दों के लिए आभारी हूं। मुझे खुशी है कि ये शब्द हमें एक.दूसरे का विरोध करने से नहीं रोकेंगे।