Maharaja Hari Singh of Jammu and Kashmir : नई दिल्ली – देश के राजनितिक माहौल के बीच अब जम्मू-कश्मीर के महाराजा रहे हरि सिंह के नाम की एंट्री हो चुकी है। आपको बता दें कि 23 सितंबर को हरि सिंह का जन्मदिन है। और ऐसा पहली बार होगा जब देश के किसी राजा के जन्मदिन पर सरकारी हुट्टी होगी। आपकों बता दें कि बीजेपी ने महाराजा हरि सिंह के जन्मदिन पर सरकारी छुट्टी करवाने की तैयारी की है। वहीं अब इस बात पर बवाल मचा हुआ है कि किसी राजा के जन्मदिन पर सरकारी अवकाश नहीं दिया जाना चाहिए यह उचित नहीं है।>>*IBC24 News Channel के WHATSAPP ग्रुप से जुड़ने के लिए यहां CLICK करें*<<
Respecting the sentiments of the local people, this decision has been taken in view of the contributions of late Maharaja Hari Singh. I expect the official orders to be issued in a few days: J&K Lt Gov Manoj Sinha on Maharaja Hari Singh’s birthday declared a public holiday in J&K pic.twitter.com/Khfcw9cKqC
— ANI (@ANI) September 16, 2022
Maharaja Hari Singh of Jammu and Kashmir : इस पर सरकार का कहना है कि अब हर प्रतिवर्ष हरि सिंह के जन्मदिन पर सरकारी अवकाश रखा जाएगा। लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि सरकार ने शेख अब्दुल्ला की जयंती और पुण्यतिथि पर आयोजित होने वाले सार्वजनिक अवकाशों को रद्द कर दिया था। देश की आजादी के दौर में महाराजा हरि सिंह और शेख अब्दुल्ला के बीच गहरे मतभेद थे। यहां तक जम्मू-कश्मीर के विलय को लेकर जवाहर लाल नेहरू ने यह भी एक शर्त रखी थी कि आपको शासन शेख अब्दुल्ला को ट्रांसफर करना होगा। उस दौरान शेख अब्दुल्ला ने महाराजा के खिलाफ लंबा आंदोलन छेड़ा था।
Maharaja Hari Singh of Jammu and Kashmir : जम्मू-कश्मीर के आखिरी महाराजा रहे हरि सिंह को जम्मू और लद्दाख में काफी सम्मान मिलता रहा है, जबकि कश्मीर में शेख अब्दुल्ला बड़ी शख्सियत रहे हैं। ऐसे में दोनों हस्तियों के सम्मान का मसला जम्मू और कश्मीर के बीच की सियासत का भी हिस्सा रहे हैं। इसलिए सरकार का यह फैसला अहम है। माना जा रहा है कि शेख अब्दुल्ला पर अवकाशों को खारिज करने और महाराजा सिंह के नाम पर छुट्टी घोषित करने के फैसले से भाजपा को जम्मू में फायदा हो सकता है। महाराजा हरि सिंह डोगरा शासक थे और जम्मू में डोगराओं की अच्छी खासी आबादी है। इसके अलावा राष्ट्रवादियों के भी बडे़ वर्ग को सरकार ने इससे संतुष्ट करने की कोशिश की है।
Maharaja Hari Singh of Jammu and Kashmir : इस बीच महाराजा हरि सिंह के बेटे और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह ने भी सरकार के इस फैसले की तारीफ की है। कर्ण सिंह ने कांग्रेस छोड़ने के भी संकेत दिए हैं। शुक्रवार को उन्होंने कहा, मैंने 1967 में कांग्रेस जॉइन की थी। लेकिन 8 से 10 सालों से मैं संसद का सदस्य नहीं हूं। वर्किंग कमिटी से भी मुझे बाहर कर दिया गया। हां, मैं कांग्रेस में हूं, लेकिन मेरा कोई संपर्क नहीं है। कोई मुझसे किसी भी चीज के लिए बात नहीं करता। मैं अपना काम करता हूं। मेरे पार्टी से रिश्ते न के समान हैं।