हैम रेडियो की मदद से 57 साल पहले इस तरह बिछड़े व्यक्ति को मिला अपना परिवार | With the help of ham radio, a person who was separated like this, got his family

हैम रेडियो की मदद से 57 साल पहले इस तरह बिछड़े व्यक्ति को मिला अपना परिवार

हैम रेडियो की मदद से 57 साल पहले इस तरह बिछड़े व्यक्ति को मिला अपना परिवार

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 09:00 PM IST, Published Date : December 20, 2019/10:34 am IST

भुवनेश्वर। 57 साल के बाद अपने भाई और परिवारवालों से बिछड़े चारू बसान दोबारा अपने परिवार से ​मिल सके हैं। चारु बसान सोदपुर के प्लेटफार्म पर यात्रियों के बैठने वाले सीट पर बैठे रहते थे। चारु के आसपास से गुजर रहे यात्री कभी अनुमान ही नहीं लगा पाए की यह व्यक्ति ओडिशा का खोया हुआ चारु बसान है, जो यहां बंगाल में है।

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लेकिन, आज अचानक से हैम रेडियो के सदस्यों की मदद से 57 साल पहले लापता हुए चारु अपने परिवार से मिल पाएंगे। हैम रेडियो का इस्तेमाल खासतौर पर किसी आपदा, त्रासदी जैसे भूकंप, बाढ़, तूफान के वक़्त इस्तेमाल किया जाता है। जब संपर्क करने के सभी साधन फ़ेल हो जाते हैं तो, हैम रेडियो ही काम आता है। चाहे वो कोई भी दुर्गम जगह क्यों न हो, हैम रेडियो के रहते आप दूसरे व्यक्ति से सीधा संपर्क कर सकते हैं जिसके पास हैम रेडियो रहता है।

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दरअसल, प्लेटफार्म पर चारु की गतिविधियों को देख हैम रेडियो के सदस्यों को संदेह हुआ और उसके बाद चारु के साथ बातचीत शुरू हुई। कई दिनों के बाद संपर्क साधने पर हैम रेडियो के सदस्यों ने पता कर लिया कि चारु का घर ओडिशा में है। उसके बाद बिना किसी देरी के सोदपुर हैम रेडियो के सदस्यों ने ओडिशा हैम रेडियो के सदस्यों को चारु की एक तस्वीर भेजी और जानकारी दी। इसके बाद जानकारी मिली कि चारु ओडिशा के झरसुगाडा ज़िले के बृजराजनगर का रहने वाला है।

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इसके बाद हैम रेडियो के सदस्य चारु के परिवारवालों से संपर्क साधने में सफल होते हैं और चारु की तस्वीर उसके भाई अयोध्या बसान के मोबाइल पर भेजते हैं। 57 साल बाद अपने भाई की तस्वीर देखते ही वे अपने बिछड़े भाई से मिलने और उसे वापस लाने के लिए तैयारी करने लगे। सोदपुर हैम रेडियो से संपर्क साधने के बाद चारु के भाई अयोध्या सोदपुर पहुंच गए। चारु थोड़ा सा मानसिक रूप से विक्षिप्त है इसीलिए, उसको कुछ ख़ास याद नहीं कि वो कैसे अपने परिवारवालों से बिछड़ा था।

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