धर्मस्थल में 39 साल पहले छात्रा की मौत मामले को मामले को फिर से खोलने की एसआईटी से मांग

धर्मस्थल में 39 साल पहले छात्रा की मौत मामले को मामले को फिर से खोलने की एसआईटी से मांग

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 11:13 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 11:13 PM IST

बेलथांगडी (दक्षिण कन्नड़), 11 अगस्त (भाषा) धर्मस्थल में एक छात्रा की मौत के मामले में उसकी बहन ने सोमवार को बेलथांगडी स्थित एसआईटी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराकर इस मामले की दोबारा जांच की मांग की।

पीड़ित छात्रा पद्मलता की बहन इंद्रावती माकपा नेता बी. एम. भट और अन्य लोगों के साथ एसआईटी कार्यालय पहुंचीं। इंद्रावती ने विशेष जांच दल (एसआईटी) से मामले को फिर से खोलने और सच्चाई को उजागर करने के लिए शव को बाहर निकालने की याचिका दायर की है।

यह मामला 39 साल पुराना है और इसमें वर्षों से कई जांचें हो चुकी हैं। पहले की पूछताछ बिना किसी समाधान के समाप्त हो गई थी जिससे परिवार को कोई न्याय नहीं मिल सका।

नेल्यादी की निवासी इंद्रावती ने अपनी याचिका में कहा कि दिवंगत देवानंद की बेटी पद्मलता उजिरे के एसडीएम कॉलेज में प्री-यूनिवर्सिटी की छात्रा थी और वह 22 दिसंबर, 1986 को लापता हो गई थी।

आज दाखिल याचिका में कहा गया है कि पद्मलता को आखिरी बार धर्मस्थल में देखा गया था और हफ्तों बाद 17 फरवरी, 1987 को उसका क्षत विक्षत शव नेरिया धारा के पास मिला था।

इंद्रावती ने सोमवार को मंगलुरु में संवाददाताओं से कहा, ‘हम न्याय के लिए लड़ रहे हैं, लेकिन हमें अब तक कोई समर्थन नहीं मिला। लापता लोगों और सामूहिक कब्रों की खबरों की जांच के लिए एसआईटी का गठन होने के बाद अब उम्मीद की एक किरण जगी है। इसलिए हमने पुलिस से मामले को फिर से खोलने की अपील की है।’

चूंकि एसआईटी वर्तमान में धर्मस्थल क्षेत्र में कई संदिग्ध मौतों की जांच कर रही है इंद्रावती को उम्मीद है कि उनकी बहन के मामले को भी जांच के दायरे में शामिल किया जाएगा।

इससे पूर्व धर्मस्थल गांव में अनेक स्थानों पर शवों को दफनाने के आरोपों से जुड़े सनसनीखेज मामले की जांच में एक बड़ा कदम उठाते हुए विशेष जांच दल (एसआईटी) अब संदिग्ध कब्रों की सच्चाई का पता लगाने के लिए ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार (जीपीआर) मशीन की मदद ले रहा है।

सोमवार को एसआईटी की टीम जीपीआर विशेषज्ञों के साथ शिकायतकर्ता द्वारा पहचाने गए 13वें स्थान का निरीक्षण करने के लिए आज यहां पहुंची और जीपीआर मशीन को नेत्रावती नदी के स्नान घाट के पास लाया गया और जांच की कार्रवाई शुरू की गई।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शिकायकर्ता द्वारा चिह्नित किये गये 13वें स्थल को सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है जहां सबसे ज्यादा शव दफनाए जाने का दावा किया जा रहा है।

भाषा इन्दु अमित

अमित