केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वायनाड पुनर्वास टाउनशिप का काम शुरू

केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वायनाड पुनर्वास टाउनशिप का काम शुरू

केरल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद वायनाड पुनर्वास टाउनशिप का काम शुरू
Modified Date: April 12, 2025 / 03:40 pm IST
Published Date: April 12, 2025 3:40 pm IST

वायनाड (केरल), 12 अप्रैल (भाषा) वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के लिए टाउनशिप का निर्माण कार्य शनिवार सुबह यहां कलपेट्टा के पास एलस्टोन एस्टेट में शुरू हुआ।

यह काम केरल उच्च न्यायालय द्वारा अतिरिक्त 17.77 करोड़ रुपये जमा करने के बाद राज्य सरकार के लिए परियोजना के संबंध में एलस्टोन एस्टेट भूमि पर कब्जा करने का मार्ग प्रशस्त करने के एक दिन बाद शुरू हुआ।

वायनाड जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने शाम में एक बैठक की और राशि जमा करने तथा भूमि पर कब्जा लेने का निर्णय लिया।

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अधिकारी ने बताया कि इसके बाद जिलाधिकारी मेघाश्री डी आर और अन्य संबंधित अधिकारियों ने रात में सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर लीं।

परियोजना के मुख्य ठेकेदार, उरालुंगल लेबर कॉन्ट्रैक्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी (यूएलसीसीएस) के एक प्रतिनिधि ने यहां मीडिया को बताया कि निर्माण कार्य शुरू हो गया है और यह तेजी से आगे बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘सबसे पहले तो निर्माण स्थल तक सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए ताकि निर्माण सामग्री और उपकरणों का शीघ्रता से पहुंचना संभव हो सके।’’

राज्य सरकार ने टाउनशिप के शिलान्यास समारोह से पहले भूमि का प्रतीकात्मक कब्जा लेने के लिए मार्च में ही लगभग 26.56 करोड़ रुपये जमा करा दिए थे।

हालांकि, एलस्टोन एस्टेट में जमीन के मालिकाना हक वाली कंपनियां इस राशि से संतुष्ट नहीं थीं, इसलिए राज्य सरकार अतिरिक्त 17.77 करोड़ रुपये देने पर सहमत हो गई।

सरकार की दलील के आधार पर उच्च न्यायालय ने उसे धनराशि जमा कराने और फिर भूमि पर कब्जा लेने का निर्देश दिया।

आदेश पारित करते हुए न्यायालय ने यह भी कहा कि मुआवजा बढ़ाने के लिए कंपनियों के दावों की जांच उच्च न्यायालय में लंबित कार्यवाही में की जा सकती है, लेकिन अभी भूमि का कब्जा राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए ताकि पुनर्वास परियोजना में देरी न हो।

पिछले साल 30 जुलाई को मुंडक्कई और चूरलमाला क्षेत्रों में बड़ा भूस्खलन हुआ था, जिससे दोनों क्षेत्र लगभग पूरी तरह से तबाह हो गए थे। इस आपदा में सैकड़ों लोग घायल हुए, 200 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई और 32 लोग लापता हैं।

भाषा आशीष रंजन

रंजन


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