भारत और उसके मूल्यों को पहचान रही है दुनिया : दीपिका पादुकोण |

भारत और उसके मूल्यों को पहचान रही है दुनिया : दीपिका पादुकोण

भारत और उसके मूल्यों को पहचान रही है दुनिया : दीपिका पादुकोण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : May 17, 2022/4:50 pm IST

(बेदिका)

नयी दिल्ली, 17 मई (भाषा) कान फिल्म महोत्सव में 2013 में विद्या बालन के बाद महोत्सव की जूरी का सदस्य चुनी जाने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का कहना है कि यह एक निजी उपलब्धि है, लेकिन यह दक्षिण एशियाई समुदाय की जीत और भारत और उसके मूल्यों के लिए एक मान्यता भी है।

17 से 28 मई तक आयोजित होने वाले महोत्सव में आठ सदस्यीय कान प्रतियोगिता जूरी का हिस्सा बनने वालीं पादुकोण भी उम्मीद कर रही हैं कि इस बार मीडिया में चर्चा भारतीय प्रतिभा और सिनेमा के उत्सव के बारे में अधिक होगी और फैशन पर कम होगी। इससे पहले बालान की फैशन शैली पर कुछ ज्यादा चर्चा हुयी थी ।

दीपिका ने ”पीटीआई-भाषा” से बात करते हुए कहा मुझे उम्मीद है कि हम महसूस करेंगे कि और भी बहुत कुछ है। बेशक, फैशन मजेदार है, यह मजेदार होना चाहिए। यह एक बहुत ही निजी बात है। लेकिन मुझे उम्मीद है कि भारतीय मीडिया ने उस पिछले अनुभव से सीखा है और महसूस किया है कि हमारे पास वास्तव में उस कहानी को बदलने और इस बारे में बात करने की शक्ति है। यह भारत के लिए कितना बड़ा क्षण है।

उन्होंने कहा ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह (फैशन) समाचार के बड़े-बड़े पन्नों के लायक है। मुझे लगता है कि हमें जिस बारे में बात करनी चाहिए वह भारत का उत्सव है। भारतीय प्रतिभा और सिनेमा का उत्सव है।’’

‘‘पीकू’’ और ‘‘पद्मावत’’ जैसी फिल्मों में स्टार रहीं दीपिका विंसेंट लिंडन, अभिनेता और फिल्म निर्माता रेबेका हॉल, ईरानी फिल्म निर्माता असगर फरहादी, स्वीडिश अभिनेता नूमी रैपेस, इतालवी के साथ जूरी में बैठेंगी।

पादुकोण ने कहा कि वह फिल्में देखने और साथी जूरी सदस्यों के साथ बातचीत करने में दो सप्ताह बिताने के बारे में उत्सुक हैं।

उन्होंने कहा ”हालांकि यह एक व्यक्तिगत उपलब्धिकी तरह महसूस हो रहा है। यह दक्षिण एशियाई समुदाय के लिए बड़ी जीत की तरह भी लग रहा है। हम सचमुच अपनी उंगलियों पर गिनकर भरोसा कर सकते हैं कि भारत से कोई भी कितनी बार जूरी का सदस्य रहा है या उसे देश को इस तरह के मंच पर प्रतिनिधित्व करने का अवसर कितनी बार मिला है।”

छत्तीस वर्षीय अभिनेत्री जो हाल ही में फ्रांसीसी लक्जरी ब्रांड ‘लूई वीटॉन’ द्वारा हस्ताक्षरित होने वाली पहली भारतीय बनीं हैं। उन्होंने कहा कि कान्स में जूरी सदस्य के रूप में उनका चयन उन्हें एक निर्माता-अभिनेता के रूप में प्रेरित करता है क्योंकि यह दर्शाता है कि दुनिया भर के लोग वास्तव में उठ खड़े हुए और भारत और उसके मूल्यों को पहचान रहे हैं।

भाषा फाल्गुनी उमा

उमा

 

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