आपको बनाया जा रहा गुलाम, राहुल गांधी ने किया मोदी सरकार पर वीडियो वार

आपको बनाया जा रहा गुलाम, राहुल गांधी ने किया मोदी सरकार पर वीडियो वार

आपको बनाया जा रहा गुलाम, राहुल गांधी ने किया मोदी सरकार पर वीडियो वार
Modified Date: November 29, 2022 / 08:48 pm IST
Published Date: August 31, 2020 8:23 am IST

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर अर्थ व्यवस्था को लेकर तगड़ा प्रहार किया है। सोमवार को उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को लेकर एक वीडियो श्रृंखला शुरू की है।

वीडियो शेयर करते हुए गांधी ने लिखा, ‘जो आर्थिक त्रासदी देश झेल रहा है उस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई की आज पुष्टि हो जाएगी: भारतीय अर्थव्यवस्था 40 वर्षों में पहली बार भारी मंदी में है। ‘असत्याग्रही’ इसका दोष ईश्वर को दे रहे हैं। सच जानने के लिए मेरा वीडियो देखें।’

 ⁠

ये भी पढ़ें-केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह हुए स्वस्थ, एम्स में 12 दिनों तक चला इ.

राहुल गांधी ने अपने वीडियो में कहा, ‘भाजपा की सरकार ने असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है और आपको गुलाम बनाने की कोशिश की जा रही है। 2008 में जबरदस्त आर्थिक तूफान आया और पूरी दुनिया में आया। अमेरिका में, जापान में, यूरोप में, चीन में सब जगह आया। अमेरीका के बैंक गिर गए। एक के बाद एक, कंपनियों की लाइन लग गई, कंपनियां बंद हो गईं। यूरोप के बैंक गिरे लेकिन हिंदुस्तान को कुछ नहीं हुआ।’

ये भी पढ़ें- अगर आप भी करते हैं नोटों को सेनेटाइज तो हो जाइए सावधान, 2000 रुपए क…

राहुल ने आगे कहा, ‘तब यूपीए की सरकार थी, प्रधानमंत्री जी के पास गया और उनसे कहा मनमोहन सिंह जी बताइये पूरी दुनिया में आर्थिक नुकसान हुआ है, हिंदुस्तान को कोई नुकसान नहीं हुआ, कारण क्या है। मनमोहन सिंह जी ने कहा राहुल अगर हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को समझना चाहते हो तो ये समझना होगा कि हिंदुस्तान में दो अर्थव्यवस्था हैं। पहली असंगठित और दूसरी संगठित अर्थव्यवस्था।’

ये भी पढ़ें- बबीता फोगाट का तंज- राजीव गांधी ने भारत से इटली में भाला फेंका था, …

भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए राहुल ने कहा, ‘पिछले छह सालों से भाजपा सरकार ने असंगठित अर्थव्यवस्था पर आक्रमण किया है। मैं आपको इसके तीन बड़े उदाहरण अभी दे देता हूं- नोटबंदी, गलत जीएसटी और लॉकडाउन। इन तीनों का लक्ष्य हमारे असंगठित क्षेत्र को खत्म करने का है। हमारे 40 करोड़ मजदूर घोर गरीबी के संकट में फंस सकते हैं। पिछले चार महीनों में करीब दो करोड़ लोगों ने नौकरियां गंवाई ।’


लेखक के बारे में