Bhai Dooj 2022: दिवाली के पांच दिन के उत्सव में भाई दूज का पर्व पांचवें दिन पड़ता है और इसका विशेष महत्व है। भाई दूज हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इस मुख्य त्यौहार को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है और यह भाई बहन के पेम का प्रतीक माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर कुमकुम और अक्षत का तिलक लगाकर उन्हें अपने हाथों से बना भोजन कराती हैं। दरअसल इस पर्व के पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी है जिसके अनुसार यमुना के भाई यम देव ने उनके आग्रह पर टीका लगवाया और भोजन ग्रहण किया। साथ ही यह भी कहा जाता है कि इस दिन यदि विधि-विधान से पूजा की जाए, तो जीवन भर यम का भय नहीं सताता और भाई-बहनों की कभी अकाल मृत्यु नहीं होती। भाई दूज के दिन तिलक लगाने से भाई को लंबी उम्र के साथ सुख संपन्नता का आशीर्वाद भी मिलता है।
उसी समय यमुना ने भाई यम से यह आशीष लिया कि जो भी बहन भाई दूज के दिन अपने भाई के माथे पर तिलक लगाएगी और अपने हाथ का बना भोजन कराएगी, उसके भाई को यम देव की कृपा से लंबी उम्र का वरदान मिलेगा।
तभी से भाई दूज के दिन बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं। अब एक बड़ा प्रश्न यह है कि यदि भाई किसी वजह से बहन से दूर है तो किस तरह से तिलक और पूजन किया जा सकता है।
भाई दूज की तिथि और मुहूर्त
Bhai Dooj 2022: हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर 2022 को पड़ेगी। द्वितीया तिथि की शुरुआत 26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 42 से आरंभ होगी। वहीं इस तिथि का समापन 27 अक्टूबर दोपहर 12 बजकर 45 पर होगा। भाई दूज टीका का शुभ पूजा मुहूर्त 26 अक्टूबर, दोपहर 01 बजकर 18 मिनट से 03 बजकर 33 से तक है।