How to Check Gold Purity : धनतेरस पर लोग सोना और सोने की ज्वैलरी की खरीदारी बड़े पैमाने पर करते हैं, मान्यताओं के अनुसार इस दिन सोना खरीदना शुभ माना जाता है । अगर आप भी गोल्ड या गोल्ड ज्वेलरी खरीदने जा रहे हैं तो खरीदारी के वक्त सोने की शुद्धता की पहचान जरूर कर लें।
दिवाली से पहले धनतेरस पर तमाम चीजों की खरीदारी आज से शुरू हो रही है। धनतेरस के दिन लोग बड़े पैमाने पर सोने और चांदी की खरीदारी करते हैं। यहां तक कि धनतरेस के दिन कई लोग सोना खरीदकर निवेश की शुरुआत भी करते हैं। सोने की कीमतों में इन दिनों गिरावट देखने को मिल रही है, इसलिए सोने की जबरदस्त बिक्री होने की उम्मीद है।
ऐसे में यदि आप भी धनतेरस के दिन सोना या सोने के गहने खरीदने जा रहे हैं, तो दुकान पर खरीदारी के वक्त इसकी शुद्धता की जांच-परख अच्छी तरह से जरूर कर लें, माना जाता है कि आर्थिक मुसीबत में आप इसे बेचकर या गिरवी रखकर अपनी आर्थिक जरूरत को पूरा कर सकते हैं, अगर सोने में मिलावट निकली तो उस वक्त आपको झटका लग सकता है।
सोना खरीदने से पहले हमेशा ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड यानि बीआईएस, का हॉलमार्क लगा हुआ सर्टिफाइड सोना ही खरीदें। सरकार ने इसे अब अनिवार्य कर दिया है, इसके अलावा गोल्ड या ज्वैलरी खरीदते समय प्यूरिटी कोड, टेस्टिंग सेंटर मार्क, ज्वैलर का मार्क और मार्किंग की तारीख भी जरूर देख लें।
हॉलमार्क सोने की शुद्धता का पैमाना होता है, इसके तहत हर गोल्ड ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो अपने मार्क के द्वारा शुद्धता की गारंटी देता है। केंद्र सरकार ने ज्वैलर्स के लिए हॉलमार्किंग को अनिवार्य कर दिया है।
सरकार ने साफ कर दिया है कि हॉलमार्क अनिवार्य होने के बाद देश में सिर्फ 14, 18 और 22 कैरेट सोने की ज्वैलरी ही बिकेगी, हॉलमार्किंग एक तरह से सरकार की ओर से दी गई सोने की शुद्धता की गारंटी होती है।
बीआईएस मार्क-हर ज्वैलरी पर भारतीय मानक ब्यूरो का ट्रेडमार्क का लोगो होगा।
कैरेट में प्योरिटी-हर ज्वैलरी की कैरेट या फाइनेंस में प्योरिटी होगी।
916 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 22 कैरेट के गोल्ड (91.6 फीसदी शुद्धता) की है।
अगर 750 लिखा है तो इसका मतलब यह है कि ज्वैलरी 18 कैरेट (75 फीसदी शुद्ध) गोल्ड का है।
अगर 585 लिखा है तो इसका मतलब कि ज्वैलरी 14 कैरेट गोल्ड (58.5 फीसदी) का है।
हर ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा जो हॉलमार्क सेंटर का नंबर होगा।
ज्वैलरी पर एक विजिबल आइडेंटिफिकेशन मार्क होगा ज्वैलर कोड के रूप में, यानी यह किस ज्वैलर के यहां बना है, उसकी पहचान होगी।
असली हॉलमार्क पर भारतीय मानक ब्यूरो का तिकोना निशान होता है, ये सोने की कैरेट की शुद्धता के निशान के बगल में होता है, ज्वैलरी पर निर्माण का वर्ष और और उसपर उत्पादक का भी लोगो छपा होता है।
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