CBSE Board Exam 2026: अब प्रैक्टिकल परीक्षा में कोई ढिलाई नहीं! 10वीं-12वीं के लिए नई गाइडलाइंस जारी, स्कूलों को सख्ती से करना होगा पालन
CBSE ने कक्षा 10वीं और 12वीं के प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल असेसमेंट के लिए नई गाइडलाइंस और स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी की है। सालाना परीक्षाओं में एकरूपता बनाए रखने और प्रक्रियाओं को स्पष्ट करने के लिए बोर्ड ने कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिन्हें सभी स्कूलों को सख्ती से पालन करना होगा।
(CBSE Board Exam 2026/ Image Credit: X)
- CBSE ने प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और इंटरनल मार्क्स अपलोड के लिए सख्त नियम जारी किए।
- मार्क्स अपलोडिंग के बाद कोई सुधार या संशोधन स्वीकार नहीं होगा।
- सामान्य सत्र वाले स्कूलों में प्रैक्टिकल परीक्षा 1 जनवरी 2026 से 14 फरवरी 2026 तक होगी।
नई दिल्ली: CBSE Board Exam 2026: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं से पहले प्रैक्टिकल, प्रोजेक्ट और आंतरिक मूल्यांकन को लेकर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बोर्ड ने स्पष्ट किया है कि मूल्यांकन प्रक्रिया में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। CBSE ने जानकारी दी कि मूल्यांकन के दौरान किसी भी त्रुटि या देर से मार्क्स अपलोड करने की स्थिति में सुधार प्रक्रिया लंबी और जटिल हो सकती है। इसलिए नए निर्देशों का उद्देश्य स्कूल स्तर पर सभी काम समय पर और पूरी सटीकता के साथ करना है।
मार्क्स अपलोडिंग पर सख्त नियंत्रण
सीबीएसई ने स्कूलों को चेतावनी दी है कि प्रैक्टिकल और आंतरिक मूल्यांकन के मार्क्स अपलोड करने में किसी भी तरह की गलती या देरी स्वीकार्य नहीं होगी। एक बार अंक वेब-पोर्टल पर अपलोड हो जाने के बाद किसी भी प्रकार का संशोधन या सुधार नहीं किया जाएगा। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि अपलोड किए गए सभी डेटा पूरी तरह सही और सत्यापित हों।
प्रैक्टिकल परीक्षा 2026 की तारीखें
- सामान्य सत्र वाले स्कूल: प्रैक्टिकल परीक्षाएं 1 जनवरी 2026 से 14 फरवरी 2026 के बीच आयोजित होंगी। स्कूलों को परीक्षा के उसी दिन अंक अपलोड करना अनिवार्य है।
- शीतकालीन क्षेत्र वाले स्कूल: प्रैक्टिकल परीक्षाएं 6 नवंबर 2025 से 6 दिसंबर 2025 के बीच आयोजित की जा रही हैं। इन स्कूलों में भी अंक उसी दिन अपलोड करने होंगे।
मार्क्स सुधार की कोई संभावना नहीं
CBSE के नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक, एक बार अंक अपलोड हो जाने के बाद उनमें किसी भी तरह का बदलाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी अंक सटीक और त्रुटिरहित हों।
मूल्यांकन प्रक्रिया में पारदर्शिता
CBSE ने बोर्ड परीक्षा 2026 में पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए कई नए फीचर्स पेश किए हैं:
- प्रैक्टिकल आंसर बुक: अब इसमें नया फीचर जोड़ा गया है जो मूल्यांकन की विश्वसनीयता बढ़ाएगा।
- परीक्षकों की जिम्मेदारी: इंटरनल और एक्सटर्नल परीक्षक दोनों को यह अंडरटेकिंग देना होगा कि सभी डेटा सही तरीके से वेरिफाई किए गए हैं।
नियमित और प्राइवेट छात्रों के लिए निर्देश
- नियमित छात्र: प्रैक्टिकल उन्हीं छात्रों के लिए आयोजित होंगे जिनका नाम LOC (List of Candidates) में शामिल है। स्कूल को सुनिश्चित करना होगा कि परीक्षा में केवल वास्तविक छात्र ही उपस्थित हों।
- प्राइवेट छात्र: प्राइवेट उम्मीदवारों के अंक CBSE की नीतियों और परीक्षा नियमों के अनुसार ही दिए जाएंगे। यदि किसी प्राइवेट छात्र को दोबारा प्रैक्टिकल देना पड़े, तो वह भी बोर्ड की निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार होगा।
CBSE ने स्पष्ट किया है कि इन सख्त निर्देशों का पालन करने से ही बोर्ड परीक्षा 2026 के परिणाम समय पर और बिना किसी त्रुटि के जारी किए जा सकेंगे। मुख्य परीक्षाएं फरवरी 2026 में शुरू होंगी।
इन्हें भी पढ़ें:
- Central Bank Of India Recruitment 2025: स्नातक पास युवाओं को बिना परीक्षा के सेंट्रल बैंक में मिलेगी नौकरी, सैलरी इतनी कि खुशी छिप न पाए!
- Post Office Scheme: पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में छुपा है पैसा बढ़ाने का सुपरफॉर्मूला! 44,995 रुपये का तक रिटर्न सिर्फ इतनी राशि में!
- Sanchar Saathi App: न हटेगा, न बंद होगा, बस रहेगा! ‘संचार साथी’ ऐप में सरकार ने क्या रखा है ऐसा जो हर फोन में जरूरी हो गया?

Facebook



