आचार संहिता के दायरे में सोशल मीडिया शेयरिंग, पार्टियों की प्रचार सामग्री पर होगी चुनाव आयोग की नजर
आचार संहिता के दायरे में सोशल मीडिया शेयरिंग, पार्टियों की प्रचार सामग्री पर होगी चुनाव आयोग की नजर
नई दिल्ली । देश में आम चुनावों का बिगुल बज गया है। सभी दलों ने बहुत पहले ही चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी थीं,अब जैसे जैसे मतदान की तारीख नजदीक आएंगी आरोप-प्रतायरोप बढ़ता जाएगा। इस दौर में सोशल मीडिया प्रचार का प्रमुख हथियार बन गया है। हर दल अपने अपने तरीके से दूसरे के खिलाफ प्रोपेगेंडा रचते हैं और उसे सोशल मीडिया में वायरल करते हैं।शायद यही वजह है कि चुनाव तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने सोशल मीडिया पर भी आचार संहिता लागू होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को इस दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टियों के विज्ञापन पोस्ट करने से पहले जानकारी देनी होगी। परमीशन दिए जाने के बाद ही वे ऐसा कर पाएंगे। गूगल और फेसबुक को इलेक्शन कमीशन ने ऐसे विज्ञापनदाताओं की पहचान करने के लिए कहा है।
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मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि सभी प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों में प्रसारित चुनाव से जुड़े सभी खबरों पर करीबी नजर रखी जाएगी। किसी भी कानून का दुरुपयोग पाए जाने पर नोटिस दिया जाएगा और जरूरत पड़ने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा फेक न्यूज और नफरत फैलाने वाले कंटेट को कंट्रोल करने के लिए विभिन्न सोशल मीडिया साइट को अधिकारी नियुक्त करने के लिए कहा गया है। चुनाव आयोग ने आम जनता और पार्टियों के लिए कुछ ऐप्स और डिजिटल पोर्टल्स की भी जानकारी दी है। ऐसा ही वेब पोर्टल ‘समाधान’ आम जनता के लिए होगा। ये पोर्टल सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे मैसेज्स के फीडबैक के लिए होगा।
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मतदाता किसी भी नियम के उल्लंघन को कैमरे से रिकॉर्ड कर आयोग को सीधे भेज सकते हैं। इसी प्रकार ‘सुविधा’ ऐप विभिन्न पार्टियों के लिए उपलब्ध होगा। इस ऐप्लिकेशन का उपयोग करते हुए पार्टी के प्रतिनिधि, उम्मीदवार और चुनाव एजेंट चुनावी उद्देश्य के लिए विभिन्न अनुमति के लिए आवेदन कर सकते हैं।

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