अल्हड़ खुशी… वंकिम दृष्टि…विश्व पर्यावरण दिवस पर देखिए प्रकृति के अद्भुत नजारे
प्रकृति का केंद्रीय संचालन पारिस्थितिकी तंत्र यानी इकोसिस्टम से होता है। इकोसिस्टम के सबसे अहम हिस्से हैं पंछी। इकोसिस्टम में खलल सारे जीव, जन्तु, प्राणों पर संकट है। मानविकी गतिविधियों ने बीते कुछ दशकों में इस तंत्र से खूब छेड़छाड़ की है। नतीजे सबके सामने हैं। आज हम विश्व पर्यावरण दिवस पर आपसे अपील करते हैं कि ऐसी गतिविधियों को हतोत्साहित कीजिए, जिनसे हमारा पर्यावरण दूषित होता है। इसलिए खिलखिलाती, हंसती, मस्ताती इन परिंदों की तस्वीर में खुद को महसूस कीजिए। सोचिए ज्यों ये आनंदित हैं, कृतज्ञ हैं अपनी प्रकृति के साथ वैसे हम भी हों और होते रहें।
आज की यह खास तस्वीर हमे उपलब्ध कराई है विश्व के ख्यातिलब्ध प्रकृति के चितेरे व वंकिम दृष्टिविद प्रदीप गुप्ता ने। गुप्ता दुनियाभर में घूम-घूमकर आइसलैंड फोटोग्राफी के शौकीन हैं। वे मानते हैं प्रकृति की गोद मां की गोद है, जहां हम सुरक्षित, भावविह्वल, सरस्, सहज और प्रफुल्लित रहते हैं। इसे हम सहेजें। गुप्ता वर्तमान में छत्तीसगढ़ में आईपीएस हैं व पीएचक्यू में वरिष्ठ अधिकारी भी हैं।
विश्व पर्यावरण दिवस पर देखिए कुछ खास तस्वीरें...
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Indian Courser (Nawa Raipur)
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Bilaspur - Rosy Starling birds
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Web Title: Effortless happiness, silent vision...