Govardhan Asrani Death: अब नहीं रहे हंसी के बादशाह गोवर्धन असरानी! परिवार ने चुपचाप किया अंतिम संस्कार, फिल्मी जगत में शोक की लहर

Govardhan Asrani Death: अब नहीं रहे हंसी के बादशाह गोवर्धन असरानी! परिवार ने चुपचाप किया अंतिम संस्कार, फिल्मी जगत में शोक की लहर

Govardhan Asrani Death: अब नहीं रहे हंसी के बादशाह गोवर्धन असरानी! परिवार ने चुपचाप किया अंतिम संस्कार, फिल्मी जगत में शोक की लहर

Govardhan Asrani Death/Image Source: IBC25

Modified Date: October 20, 2025 / 09:32 pm IST
Published Date: October 20, 2025 9:32 pm IST
HIGHLIGHTS
  • हंसी के बादशाह असरानी ने छोड़ी दुनिया,
  • 84 की उम्र में हुआ निधन,
  • परिवार ने चुपचाप किया अंतिम संस्कार,

मुंबई: Govardhan Asrani Death: हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता और निर्देशक गोवर्धन असरानी जिन्हें दुनिया भर में उनके एक नाम ‘असरानी’ से जाना जाता था का आज मुंबई में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 83 वर्षीय अभिनेता ने सिनेमा की दुनिया में अपनी हास्यप्रद भूमिकाओं से जो पहचान बनाई, वह पीढ़ियों तक लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। उनका अंतिम संस्कार सांताक्रूज़ श्मशान घाट पर किया गया, जहां उनके परिवार के सदस्य और करीबी लोग अंतिम विदाई देने पहुंचे। श्मशान घाट पर मौजूदगी ने एक भावुक माहौल पैदा कर दिया, जहां उनकी जीवन यात्रा को नम आंखों से अलविदा कहा गया।

असरानी का जन्म 1 जनवरी 1941 को राजस्थान की राजधानी जयपुर में हुआ था। उन्होंने सेंट जेवियर्स स्कूल और राजस्थान कॉलेज जयपुर से शिक्षा प्राप्त की। सिनेमा के प्रति रुझान उन्हें मुंबई ले आया और साल 1967 में फिल्म ‘हरे कांच की चूड़ियां’ से उन्होंने फिल्मी करियर की शुरुआत की। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। असरानी ने हास्य, चरित्र, और सहायक भूमिकाओं में अपनी अलग छाप छोड़ी और सैकड़ों फिल्मों में काम किया। उनके अभिनय में सहजता, टाइमिंग और मासूमियत ने उन्हें हर वर्ग के दर्शकों का चहेता बना दिया। असरानी को उनके करियर में कई यादगार भूमिकाएं मिलीं, लेकिन जो उन्हें अमर कर गई वह थी फिल्म ‘शोले’ (1975) में निभाया गया जेलर का किरदार। उनका संवाद हम अंग्रेजों के ज़माने के जेलर हैं आज भी भारतीय सिने इतिहास के सबसे चर्चित और लोकप्रिय डायलॉग्स में गिना जाता है।

Govardhan Asrani Death: असरानी के निधन की खबर से न केवल उनके परिवार और करीबी, बल्कि फिल्म इंडस्ट्री और उनके करोड़ों प्रशंसक भी स्तब्ध हैं। सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सिलसिला जारी है। उनके साथी कलाकारों, निर्देशकों और युवा पीढ़ी के कलाकारों ने उन्हें याद करते हुए श्रद्धांजलि दी और कहा कि एक युग का अंत हो गया। करीब पांच दशक से भी ज्यादा लंबे करियर में असरानी ने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया। उन्होंने विशेष रूप से हास्य अभिनेता और सहायक अभिनेता के रूप में ऐसी पहचान बनाई जो आज भी अमिट है। असरानी का सबसे यादगार और लोकप्रिय किरदार 1975 की सुपरहिट फिल्म ‘शोले’ में निभाया गया जेल वार्डन का था।

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लेखक के बारे में

टिकेश वर्मा- जमीनी पत्रकारिता का भरोसेमंद चेहरा... टिकेश वर्मा यानी अनुभवी और समर्पित पत्रकार.. जिनके पास मीडिया इंडस्ट्री में 12 वर्षों से अधिक का व्यापक अनुभव हैं। राजनीति, जनसरोकार और आम लोगों से जुड़े मुद्दों पर बेबाकी से सरकार से सवाल पूछता हूं। पेशेवर पत्रकारिता के अलावा फिल्में देखना, क्रिकेट खेलना और किताबें पढ़ना मुझे बेहद पसंद है। सादा जीवन, उच्च विचार के मानकों पर खरा उतरते हुए अब आपकी बात प्राथिकता के साथ रखेंगे.. क्योंकि सवाल आपका है।