Mahadevi Verma Birthday

Mahadevi Verma Birthday : हिन्दी जगत की महान कवयित्री महादेवी वर्मा का आज है जन्मदिन, जानें कुलपति से लेकर कविता-कहानियों तक का कैसा रहा सफर…

Mahadevi Verma Birthday: महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद शहर में एक हिंदू परिवार में हुआ था।

Edited By :   Modified Date:  March 26, 2023 / 08:39 AM IST, Published Date : March 26, 2023/8:39 am IST

Mahadevi Verma Birthday : नई दिल्ली। महादेवी वर्मा का जन्म 26 मार्च 1907 को उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद शहर में एक हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता गोविंद प्रसाद वर्मा तथा माता हेम रानी देवी थी। महादेवी के पिता भागलपुर के एक कॉलेज में प्रोफेसर थे जो संगीत प्रेमी, नास्तिक व शांत प्रवृत्ति के इंसान थे। उनकी माता एक धार्मिक व आस्तिक स्त्री थी जिनकी संगीत में गहरी रुचि थी। वह रोजाना रामायण, श्रीमद् भगवत गीता के पाठ किया करती थी। महादेवी की माता संस्कृत व हिंदी दोनों भाषाओं की ज्ञाता थी। वह अपनी माता को कविताएं लिखने हेतु प्रेरित करने के लिए श्रेय भी देती है। वर्मा ने अपनी एक कहानी में बताया था कि वह भाग्यशाली थी कि उसका जन्म एक शिक्षित परिवार में हुआ क्योंकि परिवार के लोगों ने उसे उच्च शिक्षा दिलाई। तत्कालीन समाज में पुत्री जन्म को भी भार माना जाता था। महादेवी वर्मा की मृत्यु 11 सितंबर 1987 को इलाहाबाद (प्रयागराज), उत्तर प्रदेश में हुई थी। मृत्यु के समय उनकी उम्र 80 वर्ष थी। उन्होंने अपने जीवन में गुलाम भारत व आजाद भारत दोनों को देखा था।

read more : राजस्थान से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक महसूस किए गए भूकंप के झटके, इतनी रही तीव्रता, भू-वैज्ञानिकों ने कही ये बात  

Mahadevi Verma Birthday : महादेवी वर्मा को छायावादी आंदोलन के महान कवयित्रियों में एक गिना जाता है। कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला ने वर्मा को हिन्दी साहित्य की सरस्वती की उपाधि दी। ऐसा कहा जाता है कि वर्मा ने निराला को जीवनपर्यन्त 40 वर्षों तक राखी बांधी। वह महादेवी को अपनी मुँहबोली बहन मानते थे।

read more : स्कंदमाता की इन राशियों पर बरसेगी कृपा, जातकों को मिलेगी सुख-शांति, होगी धन की प्राप्ति

महादेवी वर्मा का अध्ययन

महादेवी वर्मा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा मिशन स्कूल इंदौर से की और उन्होंने चित्रकला, संस्कृत, अंग्रेजी की पढ़ाई घर पर रहकर की। विवाह के कारण महादेवी वर्मा की शिक्षा में थोड़ी रुकावट आए लेकिन विवाह के बाद उन्होंने क्रास्थवेट कॉलेज, प्रयागराज में दाखिला लिया और हॉस्टल में ही रहने लगी। इन्होंने 1921 में आठवीं बोर्ड 1925 में 12वीं कक्षा पास की। 1932 में इन्होंने प्रयागराज विश्वविद्यालय से m.a. किया और इनकी दो कविता संग्रह रश्मि और विहार इस उम्र में प्रकाशित हो चुके थे। इनकी विद्यालय में इनकी मित्र मोहन कवयित्री सुभद्रा कुमारी चौहान ने इनको बहुत प्रभावित किया और इन को आगे बढ़ने में इनका बहन की तरह साथ दिया।

read more : Happy Birthday Prakash Raj : भारतीय फिल्मों का एक ऐसा खलनायक, जिनकी अदायगी के सामने बड़े बड़े सुपरस्टार भी फीके… 

कविताएँ

महादेवी वर्मा की कविताएं –

  • निहार (1930)
  • रश्मी (1932)
  • नीरजा (1933)
  • संध्यागीत (1935)
  • प्रथम आयाम (1949)
  • सप्तपर्ण (1959)
  • दीपशिक्षा (1942)
  • अग्नि रेखा (1988)

कहानियाँ 

  • अतीत के चलचित्र
  • पथ के साथी
  • मेरा परिवार
  • संस्मरण
  • संभाषण
  • स्मृति के रेहाये
  • विवेचमानक गद्य
  • स्कंध
  • हिमालय

read more : आज पेट्रोल-डीजल का क्या है भाव, यहां देखें सभी महानगरों के लेटेस्ट रेट 

महादेवी वर्मा के प्रमुख पुरस्कार और सम्मान

  • महादेवी वर्मा को 1943 में मंगलाप्रसाद पारितोषिक भारत भारती के लिए मिला।
  • महादेवी वर्मा को 1952 में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिए मनोनीत भी किया गया।
  • 1956 में भारत सरकार ने साहित्य की सेवा के लिए इन्हें पद्म भूषण भी दिया।
  • महादेवी वर्मा को मरणोपरांत 1988 में पद्म विभूषण पुरस्कार दिया गया।
  • महादेवी वर्मा को 1969 में विक्रम विश्वविद्यालय, 1977 में कुमाऊं विश्वविद्यालय, नैनीताल, 1980 में दिल्ली विश्वविद्यालय तथा 1984 में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने इनको डी.लिट (डॉक्टर ऑफ लेटर्स) की उपाधि दी।
  • महादेवी जी को 1934 में नीरजा के लिए सक्सेरिया पुरस्कार दिया गया।
  • 1942 में स्मृति की रेखाएं के लिए द्विवेदी पदक दिया गया।
  • यामा के लिए महादेवी वर्मा को ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया गया।

महादेवी वर्मा के बारे में रोचक तथ्य

  • इनका बाल विवाह किया गया लेकिन इन्होंने अपना जीवन अविवाहित की तरह ही गुजारा।
  • महादेवी वर्मा की रुचि, साहित्य के साथ साथ संगीत में भी थी। चित्रकारिता में भी इन्होंने अपना हाथ आजमाया।
  • महादेवी वर्मा का पशु प्रेम किसी से छुपा नहीं है वह गाय को अत्यधिक प्रेम करती थी।
  • महादेवी वर्मा के पिताजी मांसाहारी थे और उनकी माताजी शुद्ध शाकाहारी थी।
  • महादेवी वर्मा कक्षा आठवीं में पूरी प्रांत में प्रथम स्थान पर रही।
  • महादेवी वर्मा इलाहाबाद महिला विद्यापीठ की कुलपति और प्रधानाचार्य भी रही।
  • यह भारतीय साहित्य अकादमी की सदस्यता ग्रहण करने वाली पहली महिला थी जिन्होंने 1971 में सदस्यता ग्रहण की।

 

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें