Benefits Of Fasting: नवरात्रि में क्यों किया जाता है कन्या पूजन?, जानिए व्रत करने से क्या लाभ मिलते हैं
Benefits Of Fasting: नवरात्रि में क्यों किया जाता है कन्याओँ का पूजन?, जानिए व्रत करने से क्या लाभ मिलते हैं
Benefits Of Fasting
Benefits Of Fasting: देवी दुर्गा की पूजा का महापर्व नवरात्रि इस वर्ष 15 अक्टूबर से शुरू होने वाली है जो कि 24 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। इस उत्सव की सीख यह है कि हर स्थिति में महिलाओं का सम्मान करना चाहिए। दुर्गा मां को सर्व शक्तिशाली माना गया है। जब प्राचीन समय में महिषासुर का वध शिव जी और विष्णु जी भी नहीं कर पा रहे थे तो तब सभी देवाताओं ने मिलकर देवी दुर्गा का आव्हान किया था देवी दुर्गा प्रकट हुई थीं और उन्होंने महिषासुर का वध किया था।
दो ऋतुओं के संधिकाल में मनाई जाती है नवरात्रि
नवरात्रि का संबंध हमारी सेहत से भी है। नवरात्रि के दिनों में रखे गए व्रत-उपवास से हमारे स्वास्थ्य को बहुत लाभ मिलते हैं। पंचांग के अनुसार एक वर्ष में चार बार नवरात्रियां आती हैं। नवरात्रि दो ऋतुओं के संधिकाल में मनाई जाती है। संधिकाल यानी एक ऋतु के जाने और दूसरी ऋतु आने का समय होता।
इनमें से दो नवरात्रि सामान्य रहती है और दो गुप्त रहती है। चैत्र मास और आश्विन मास की नवरात्रि को सामान्य नवरात्रि मानी गई है। माघ और आषाढ़ मास में आने वाली गुप्त नवरात्रि होती है। शारदीय नवरात्री शुरू होने वाली है। ये वर्षा ऋतु के जाने का और शीत ऋतु के आने का समय है। इन दिनों में पूजा-पाठ करते हुए खान-पान संबंधी सावधानी रखने से हम कई मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं।
नवरात्रि में व्रत करने से मिलते हैं ये लाभ
ऋतुओं के संधिकाल में काफी लोगों को मौसमी बीमारियां जैसे सर्दी-जुकाम, बुखार, पेट दर्द, अपच जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आयुर्वेद में ऐसे रोगों से बचाव के लिए लंघन नाम की एक विधि बताई गई है। इस विधि में पाचन तंत्र को आराम दिया जाता है। पाचन तंत्र को आराम देने का ही एक तरीका है व्रत करना। व्रत में अन्न, मसालेदार खाना आदि चीजों का सेवन नहीं किया जाता है और व्रत करने वाले भक्त फलाहार करते हैं। फलों को पचाने में पाचन तंत्र को ज्यादा मुश्किल नहीं आती है और शरीर को भी जरूरी ऊर्जा फलों से मिल जाती है। इस तरह व्रत करने से कई रोगों से बचाव हो सकता है।
देवी पूजा करने वाले भक्तों की दिनचर्या संयमित रहनी चाहिए। अन्न का सेवन करने से आलस्य बढ़ता है और फलाहार करने से शरीर में स्फूर्ति रहती है और आलस्य दूर रहता है। सुबह जल्दी उठना और पूजा-पाठ, ध्यान करने से मन शांत रहता है। क्रोध और अन्य बुरे विकार भी दूर रहते हैं।
नवरात्रि में कन्या पूजन क्यों करना चाहिए?
Benefits Of Fasting: शास्त्रों में छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप माना गया है। 2 से 10 वर्ष की कन्याओं को नवरात्रि में भोजन कराया जाता है और इसके साथ ही दान दिया जाता है, पूजा की जाती है। उम्र के अनुसार छोटी कन्याओं को अलग-अलग देवियों का स्वरूप माना गया है। जैसे 2 वर्ष की कन्या कुमारिका, 3 साल की कन्या त्रिमूर्ति, 4 वर्ष की कन्या कल्याणी, 5 साल की कन्या रोहिणी, 6 वर्ष की कन्या कालिका, 7 साल की कन्या चंडिका, 8 वर्ष की कन्या सांभवी, 9 वर्ष की कन्या दुर्गा और 10 वर्ष की कन्या सुभद्रा मानी गई है।
छोटी कन्याएओं के मन में सभी के लिए पवित्र विचार होते हैं, वे किसी का अहित करने के लिए नहीं सोचती हैं, छोटी कन्याएं सभी बुरी आदतों से दूर रहती है। इनके मन में सभी के लिए प्रेम रहता है। नवरात्रि में इन्हें भोजन कराने के बाद पैर धुलवाना चाहिए और उनके पैरों की पूजा करके श्रद्धा अनुसार दक्षिणा देकर फल और वस्त्रों का दान करना चाहिए।
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