World Sustainable Energy Day: ‘पवन ऊर्जा वास्तव में कुछ और नहीं, बल्कि एक प्रकार की सौर ऊर्जा है’

पृथ्वी पर पवन प्रणालियां वैश्विक स्तर की अन्य हवाओं से भिन्न होती हैं, लेकिन वे सभी अंततः सूर्य द्वारा पृथ्वी को असमान रूप से गर्म करने पर निर्भर करती हैं।

World Sustainable Energy Day: ‘पवन ऊर्जा वास्तव में कुछ और नहीं, बल्कि एक प्रकार की सौर ऊर्जा है’

Wind power is really nothing but a kind of solar energy'

Modified Date: February 26, 2023 / 05:02 pm IST
Published Date: February 26, 2023 3:47 pm IST

(स्टीवन शेरवुड, क्लाइमेट चेंज रिसर्च सेंटर, यूएनएसडब्ल्यू सिडनी)

सिडनी, 26 फरवरी (द कन्वरसेशन) हवा क्यों बहती है, इसका संक्षिप्त उत्तर यह है कि सूर्य ग्रह के कुछ हिस्सों को अन्य हिस्सों की तुलना में अधिक गर्म करता है और इस असमान ताप से हवा गतिशील होती है। अर्थात पवन ऊर्जा वास्तव में एक प्रकार की सौर ऊर्जा है। सभी हवाएं एक ही तरह से उत्पन्न होती हैं

पृथ्वी पर पवन प्रणालियां वैश्विक स्तर की अन्य हवाओं से भिन्न होती हैं, लेकिन वे सभी अंततः सूर्य द्वारा पृथ्वी को असमान रूप से गर्म करने पर निर्भर करती हैं।

जब जमीन दिन के दौरान गर्म हो जाती है तो उसके ऊपर की हवा भी गर्म हो जाती है। और परिणामस्वरूप यह एक बड़ी जगह लेने के लिए फैलती है।

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‘आदर्श गैस कानून’ के अनुसार, मात्रा तापमान के सीधे अनुपात में बढ़ती है।

दूसरे शब्दों में, गर्म हवा कम घनी होती है। यदि ऐसा समस्त वायु के साथ हो, तो कोई वायु निर्मित नहीं होगी, पूरी हवा की परत थोड़ी मोटी होगी।

हालांकि, यदि यह एक स्थान पर होता है, लेकिन इसके आसपास नहीं, तो गर्म हवा ऊपर उठेगी। यही वह सिद्धांत है, जिससे गर्म हवा का गुब्बारा हवा में तैरता रहता है।

ऊपर उठता गर्म हवा का गुब्बारा कोई हवा नहीं बनाता, क्योंकि यह बहुत छोटा होता है, लेकिन कल्पना करिये यदि पूरे शहर या बड़े क्षेत्र में पूरी हवा के साथ ऐसा ही हो तो। जब इतनी बड़ी मात्रा में गर्म हवा सतह से ऊपर उठती है, तो जमीन के पास की अन्य हवा को उसकी जगह लेने के लिए स्थान परिवर्तन करना पड़ता है। इससे तटों के पास दिन के समय समुद्री हवाएं चलती हैं, जो काफी मजबूत हो सकती हैं। इसके तहत ऊपर उठने वाली गर्म महाद्वीपीय हवा की जगह लेने के लिए ठंडी समुद्री हवा बहती है।

कई दिनों तक इसी तरह की प्रक्रिया जारी रहने से मानसून आता है, क्योंकि गर्मियों में गर्म करने की प्रक्रिया ज्यादा तीव्र होती है, जबकि सर्दियों में कम। कुछ बहुत बड़ी पवन प्रणालियां हैं

ग्रह पर सबसे बड़ी पवन प्रणालियों को वायुमंडल का सामान्य परिसंचरण कहा जाता है। इनमें पूर्वी हवाएं, मध्य-अक्षांश पछुआ हवाएं और ‘रोरिंग फोर्टीज़’ शामिल हैं।

ये बड़ी पवन प्रणालियां इसलिए बनती हैं, क्योंकि ध्रुवों की तुलना में उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में सूर्य की अधिक गर्मी प्राप्त होती है और (जाहिर है) बहुत गर्म हो जाते हैं। वह गर्म हवा स्वाभाविक रूप से ऊपर उठती है और ध्रुवों की ओर बहना चाहती है, जबकि ध्रुवीय हवा उष्णकटिबंधीय क्षेत्र की ओर आना चाहती है।

बेशक, इसमें लंबा समय (कई दिन) लगता है। इस बीच पृथ्वी लगातार घूमती रहती है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com