घर में जितनी ‘टॉयलेट सीट’ उतना देना होगा टैक्स? यहां सरकार ने बताया कैसे और क्यों होगी आम जनता से कर की वसूली
Tax on Toilet Seats in Himachal Pradesh : सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश के लोगों से टैक्स वसूलने के लिए एक नया तरीका अपनाया है।
Tax on Toilet Seats in Himachal Pradesh
शिमला। Tax on Toilet Seats : सोशल मीडिया पर एक खबर जमकर वायरल हो रही है। जिसमें बताया गया है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने प्रदेश के लोगों से टैक्स वसूलने के लिए एक नया तरीका अपनाया है। सुक्खू सरकार ने शहरी क्षेत्रों में टॉयलेट सीट के हिसाब से टैक्स लेने का फैसला किया है। हालांकि इस खबर पर अब प्रदेश सरकार की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है।
हिमाचल प्रदेश के जल शक्ति विभाग की ओर से जारी एक बयान में उन खबरों का खंडन किया गया है जिनमें कहा गया है कि घरों में स्थापित टॉयलेट सीटों की संख्या के आधार पर सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे। विभाग ने स्पष्ट किया जाता है कि ऐसी कोई अधिसूचना वर्तमान सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है। सीवरेज कनेक्शन पूर्व की भांति ही प्रदान किए जाते रहेंगे।
जल शक्ति विभाग ने अपने बयान में कहा है, ‘हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी प्राप्त करना है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और सीवरेज का ट्रीटमेंट सुनिश्चित किया जा सके। हाल ही में केवल पानी के शुल्क के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है, जबकि अन्य सभी चीजें यथावत रहेंगी।’
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि वायरल खबरों में ऐसा बताया गया था कि हिमाचल प्रदेश सरकार के नोटिफिकेशन के अनुसार, टॉयलेट सीट पर वसूले जाना वाला टैक्स सीवरेज बिल के साथ जल शक्ति विभाग के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। इसके लिए हर एक टॉयलेट सीट पर प्रतिमाह 25 रुपये का शुल्क देना होगा। सरकारी अधिसूचना में कहा गया है कि सीवरेज बिल पानी बिल का 30 प्रतिशत होगा। जो लोग अपने स्रोत से पानी का उपयोग करते हैं और केवल सरकारी विभाग से सीवरेज कनेक्शन का उपयोग करते हैं, उन्हें हर महीने प्रति टॉयलेट सीट 25 रुपये का शुल्क देना होगा। विभाग ने सभी मंडलीय अधिकारियों को इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं।
बता दें कि हिमाचल में चुनाव से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो सभी को मुफ्त पानी दिया जाएगा। मगर सुक्खू सरकार के आने के बाद सभी को हर कनेक्शन 100 रुपये महीने बिल जमा करने का आदेश दिया गया। इससे पहले हिमाचल में पानी के बिल नहीं लिए जाते थे। हिमाचल प्रदेश में कुल 5 नगर निगम, 29 नगर पालिकाएं और 17 नगर पंचायतें हैं, जिनमें कुल मिलाकर लगभग 10 लाख लोग रहते हैं। गौरतलब है कि हिमाचल की सरकार आर्थिक संकट से जूझ रही है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री सुक्खू ने दो महीने का वेतन ना लेने का भी ऐलान किया था।

Facebook



