Fact Check: क्या नागपुर में EVM के साथ BJP कार्यकर्ता की कार पकड़ाई? जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

BJP Leader viral video fact check: क्या नागपुर में EVM के साथ BJP कार्यकर्ता की कार पकड़ाई? जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

Fact Check: क्या नागपुर में EVM के साथ BJP कार्यकर्ता की कार पकड़ाई? जानें क्या है वायरल वीडियो का सच

BJP Leader viral video fact check

Modified Date: November 25, 2024 / 01:57 pm IST
Published Date: November 25, 2024 1:37 pm IST

 विश्वास न्यूज देश में जब भी चुनाव होते हैं। सोशल मीडिया पर कई तरह के भ्रामक दावे वायरल होते हैं। हाल ही में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं। जिसके बाद अब एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि नागपुर में कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन ले जा रहे भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को पकड़ा है, जिसकी मदद से चुनाव के नतीजों में हेराफेरी किया जाना था।

 

 विश्वास न्यूज ने अपनी जांच में इस दावे को गलत पाया। वायरल वीडियो महाराष्ट्र के नागपुर का है, लेकिन इसके साथ किया जा रहा दावा गलत है। ईवीएम के साथ जिस वाहन को निशाना बनाया गया है, वह जोनल ऑफिसर की गाड़ी थी, जिसमें बिना इस्तेमाल यानी अनयूज्ड ईवीएम रखा हुआ था।

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चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक, चुनाव के बाद सभी ईवीएम और वीपीपैट को चार श्रेणियों में विभाजित किया जाता है, जिसमें कैटेगरी डी के तहत अनयूज्ड ईवीएम और वीवीपैट को रखा जाता है, जो सेक्टर या जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट के पास रिजर्व होती है और इसका इस्तेमाल मतदान में नहीं हुआ होता है।

 

क्या है वायरल?

सोशल मीडिया यूजर ‘vandanaa_bharat_ki_beti’ ने वायरल वीडियो (आर्काइव लिंक) को शेयर करते हुए लिखा है, “BIG BREAKING* खेल शुरु झंडा चौक नागपुर में ईवीएम लेजा रहे बीजेपी वालों को कांग्रेस वालो ने पकड़ा। अब भी @ECISVEEP यही कहेगा कि EVM सुरक्षित है ये देखकर यही कह सकते हैं कि कल महाराष्ट्र और झारखंड का रिजल्ट तैयार है । गिनने की प्रक्रिया अभी बाकी है । अमित का मन गुप्ता ने आपको बता दिया है । राजीव उसे अंजाम दे भी चुके है । ईवीएम है तो मोदी है । मोदी है तो EVM है…अब भी वक़्त है EVM पर तगड़ी निगरानी रखे नहीं तो हरियाणा का ही परिणाम देखेंगे।”

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जिसमें नागपुर में ईवीएम के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने का दावा किया गया है।

सोशल मीडिया पर फेक दावे के साथ वायरल पोस्ट का स्क्रीनशॉट, जिसमें नागपुर में ईवीएम के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने का दावा किया गया है।

सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म्स पर कई अन्य यूजर्स ने इस वीडियो को समान दावे के साथ शेयर किया है।

पड़ताल

वायरल वीडियो में जिस वाहन में ईवीएम रखा हुआ नजर आ रहा है, उसका रजिस्ट्रेशन नंबर ‘MH19BU6027’ है। इस आधार पर सर्च की गई जानकारी के मुताबिक, यह महाराष्ट्र के जलगांव में रजिस्टर्ड नंबर है।

 

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स में नजर आ रहा वाहन।

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स में नजर आ रहा वाहन।

वायरल वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें यह वीडियो कई न्यूज रिपोर्ट्स में लगा मिला, जिसके मुताबिक यह नागपुर में पोलिंग पार्टी पर हुए हमले का मामला है, जब कुछ लोगों ने ईवीएम ले जा रहे चुनाव अधिकारी की गाड़ी पर हमला कर दिया।

एबीपी लाइव के आधिकारिक यू-ट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए वीडियो बुलेटिन में इस मामले को लेकर नागपुर के संयुक्त पुलिस आयुक्त, निसार तम्बोली का बयान भी शामिल है। तम्बोली ने कहा, “…उनकी गाड़ी में जो ईवीएम था, वह स्पेयर(बिना इस्तेमाल के रिजर्व में रखा गया) ईवीएम था।”

एक अन्य वीडियो रिपोर्ट में भी इस घटना का समान संदर्भ में जिक्र है। न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट में तम्बोली के बयान का जिक्र है, जिसमें उन्होंने कहा, “किसी भी ऑरिजिनल (मतदान में इस्तेमाल हुए) ईवीएम को नुकसान नहीं हुआ है।”

इसे लेकर हमने नागपुर के डिप्टी कलेक्टर (निर्वाचन अधिकारी) प्रवीण माहिरे से संपर्क किया और उन्होंने पुष्टि करते हुए बताया, “जिस वाहन पर हमला किया गया, उसमें रखा गया ईवीएम रिजर्व ईवीएम था, न कि मतदान में इस्तेमाल हुआ ईवीएम।”

इसके बाद हमने नागपुर कोतवाली पुलिस स्टेशन से संपर्क किया। पुलिस अधिकारी अतुल मोहनकर ने हमें बताया, “पुलिस ने इस चुनाव अधिकारी की गाड़ी पर हमले के मामले में अब तक कुल पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।”

निर्वाचन आयोग के

के मुताबिक, चुनाव के बाद सभी उपलब्ध ईवीएम और वीवीपैट्स को चार श्रेणियों में बांटा जाता है।

 

ईवीएम की निर्धारित श्रेणियां। (Source-ECI)

ईवीएम की निर्धारित श्रेणियां। (Source-ECI)

 

 

कैटेगरी A: पोल्ड EVMs और VVPATs

पहली श्रेणी में वह ईवीएम और वीवीपैट शामिल होते हैं, जिससे मतदान हुआ होता है और जिन्हें मतदान खत्म होने के बाद बंद कर दिया जाता है।

कैटेगरी B: डिफेक्टिव पोल्ड EVMs और VVPATs

इसमें वैसे ईवीएम शामिल होती हैं, जो कुछ मतों के डाले जाने के बाद खराब हो जाती है।

कैटेगरी C: डिफेक्टिव अनपोल्ड EVMs और VVPATs

इस श्रेणी में उन मशीनों को रखा जाता है, जो चुनाव के पहले ही खराब हो जाती हैं और जिन्हें बदल दिया जाता है।

कैटेगरी D: अनयूज्ड EVMs और VVPATs

इस श्रेणी में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट्स मशीनें सेक्टर या जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट के पास होती हैं, जो सुरक्षित होती हैं और जिसका इस्तेमाल मतदान में नहीं हुआ होता है।

इस तरह का दावा पहले भी अन्य चुनावों में वायरल होता रहा है। इससे पहले लोकसभा चुनाव के दौरान वाराणसी में ईवीएम की हेराफेरी का समान दावा वायरल हुआ था और हमने अपनी जांच में पाया था कि संबंधित ईवीएम मतगणना प्रशिक्षण के लिए इस्तेमाल वाले ईवीएम थे। इस दौरान हमने वाराणसी के उप जिला निर्वाचन अधिकारी रणविजय सिंह से संपर्क किया था। उन्होंने हमें बताया, “सभी ईवीएम चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों के मुताबिक वर्गीकृत कैटेगरी डी (अनयूज्ड ईवीएम और वीवीपैट्स) की थी, जिनका इस्तेमाल चुनाव में नहीं होता है और न ही इसे चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम के साथ एक स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है।”

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वायरल पोस्ट को गलत दावे के साथ शेयर करने वाले यूजर को इंस्टाग्राम पर करीब पांच सौ से अधिक लोग फॉलो करते हैं।

 

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को, वहीं झारखंड में 13 और 20 नवंबर को मतदान हुआ था, जिसके नतीजे आज आए हैं। भारत निर्वाचन आयोग के मुताबिक, महाराष्ट्र की कुल 288 सीटों में बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति (गठबंधन) को दो तिहाई से अधिक बहुमत मिलने का अनुमान है। वहीं, झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन सरकार में वापसी कर रही है।

 

Source-ECI

Source-ECI

 

 

निष्कर्ष: महाराष्ट्र के नागपुर में चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम के साथ बीजेपी कार्यकर्ताओं के पकड़े जाने का दावा गलत है। ईवीएम के साथ जिस वाहन को निशाना बनाया गया, वह जोनल ऑफिसर की गाड़ी थी, जिसमें बिना इस्तेमाल यानी अनयूज्ड ईवीएम रखा हुआ था। इस श्रेणी में आने वाली ईवीएम और वीवीपैट्स मशीनें सेक्टर या जोनल या एरिया मजिस्ट्रेट के पास होती हैं, जो रिजर्व होती हैं और जिसका इस्तेमाल मतदान में नहीं हुआ होता है।

(This story was originally published https://www.vishvasnews.com/ Fact Check Desk, as part of the Shakti Collective. Except for the headline/excerpt/opening introduction para this story has not been edited by IBC24.in staff)

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लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।