ज्यादा फलों के सेवन से स्वास्थ्य की जगह हो सकता है नुकसान, इन अंगों के प्रभावित होने का खतरा

ज्यादा फलों के सेवन से स्वास्थ्य की जगह हो सकता है नुकसान, इन अंगों के प्रभावित होने का खतरा

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  • Publish Date - October 10, 2021 / 02:58 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 12:25 PM IST

adverse effects of excess fruits: वैसे तो फल संतुलित आहार माने जाते हैं, इसमें कई तरह के विटामिन, मिनिरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। साथ ही यह फाइबर का बहुत बड़ा स्रोत है। फ्रूट्स से कई स्वास्थ्य फायदे हैं, इसमें कैंसर तक से लड़ने की क्षमता होती है, फ्रूट्स ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद है। साथ ही यह बॉडी वेट को भी संतुलित करते हैं, हालांकि ज्यादा मात्रा में फ्रूट्स का सेवन करने से फायदे की जगह नुकसान भी हो सकता है।

फ्रूक्टोस आमतौर पर फलों और शहद में पाया जाता है, अगर बॉडी में फ्रूक्टोज की मात्रा बढ़ जाए तो यह बॉडी के अंगों पर प्रतिकूल असर करने लगता है, डायबिटीज के मरीजों में यह सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसे में, फ्रूट्स बॉडी को किस तरह नुकसान पहुंचा सकते हैं, यह जानना आवश्यक है।

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लीवर
शरीर में जरूरत से ज्यादा फ्रूक्टोज फैट में बदल जाता है, यह एक्स्ट्रा फैट लीवर में जमा होने लगता है, जिससे नन-अल्कोहलिक फैटी लीवर बीमारी (Non-Alcoholic Fatty Liver Disease -NAFLD) हो सकती है। यह लीवर की सामान्य बीमारी है जो दुनिया की 20 प्रतिशत आबादी में है, इस बीमारी का प्रमुख कारण फ्रूक्टोज ही है, फ्रूक्टोज के अत्यधिक सेवन से लीवर में सूजन भी आ सकती है।

ब्रेन
हाल ही के अध्ययन से पता चला है कि ज्यादा फ्रूक्टोज का सेवन ब्रेन की हेल्थ पर निगेटिव असर डालता है। इससे न्यूरोइंफ्लामेशन (neuroinflammation), ब्रेन माइटोकॉन्ड्रियल डिसफंक्शन (brain mitochondrial dysfunction) और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (oxidative stress) हो सकता है, लंबे समय तक फ्रूक्टोज का अत्यधिक सेवन ब्रेन के काम करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।

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हार्ट, मोटापा और डायबिटीज
अत्यधिक फ्रूक्टोज का सेवन इंसुलिन का प्रतिरोध कर सकता है, मोटापा को बढ़ा सकता है और हार्ट की हेल्थ पर नकारात्मक असर डाल सकता है। लगातार फ्रूक्टोज का सेवन लेप्टिन हार्मोन के संतुलित को बिगाड़ देता है, जिससे बॉडी में फैट जमा होने लगता है। ज्यादा फ्रूक्टोज ग्लूकोज की मात्रा को भी बढ़ा देता है, यह शरीर में ट्राइग्लिसराइड नामक वसा के स्तर को बढ़ाता है, जो लीवर में जमा होने लगता है।

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फलों में बहुत ज्यादा मात्रा में पानी और फाइबर पाया जाता है, इसलिए इसका बहुत ज्यादा सेवन करना आसान नहीं है, भारत जैसे देशों में वैसे भी फलों का बहुत कम ही सेवन किया जाता है, सामान्य तौर पर रोजाना 400 ग्राम फल खाने की सलाह दी जाती है, इससे ज्यादा फल का सेवन नुकसान पहुंचा सकता है।

फ्रूक्टोज आमतौर पर कुदरती शुगर है जो कुछ फलों, कुछ सब्जियों, फ्रूट जूस, शहद आदि में पाया जाता है। इसके अलावा यह गन्ना, चुकुंदर, मक्का, सेब, केला, अंगूर, नासपाती, खूबानी जैसे कई फलों में कुदरती तौर पर फ्रूक्टोज पाया जाता है।