पीरियड्स में पेनकिलर और परफ्यूम का इस्तेमाल पड़ सकता है भारी, इन 7 बातों का जरूर रखें ध्यान..देखिए

पीरियड्स में पेनकिलर और परफ्यूम का इस्तेमाल पड़ सकता है भारी, इन 7 बातों का जरूर रखें ध्यान..देखिए

पीरियड्स में पेनकिलर और परफ्यूम का इस्तेमाल पड़ सकता है भारी, इन 7 बातों का जरूर रखें ध्यान..देखिए
Modified Date: November 29, 2022 / 08:56 pm IST
Published Date: January 30, 2021 10:01 am IST

सेहत। ज्यादातर महिलाओं को पीरियड्स यानी माहवारी के समय सिरदर्द, बदन दर्द, ब्‍लीडिंग और अनिद्रा जैसी कई परेशानियां होती हैं। इसके कारण उनकी दिनचर्या अस्तव्यस्त हो जाती है। डॉक्टर्स की माने तो महिलाओं के साथ अक्सर ऐसी दिक्कतें पैड, खान-पान और पेनकिलर की वजह से भी हो सकती हैं। इस तरह की गलतियां आपको ज्यादा भारी पड़ सकती हैं। इसके लिए जरूरी है कि महिलाएं इन बातों का विशेष ध्यान रखें।

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1. पहली बात माहवारी के दर्द से राहत पाने के लिए महिलाओं को पेनकिलर का सहारा नहीं लेना चाहिए, ऐसा करना आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। पीरियड्स के दौरान ली जाने वाली पेनकिलर आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक होती है, इस तरह की दवा का सेवन करने से शरीर से अच्छे बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं। इसकी वजह से महिला को हार्ट अटैक, अल्सर, किडनी, लीवर और आंत से संबंधी परेशानियों की संभावना बढ़ जाती हैं।

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2. दूसरी बात कई लड़कियां पीरियड्स के दौरान रक्त से आने वाली बदबू को खत्म करने के लिए परफ्यूम का इस्‍तेमाल करने लगती है, ऐसा करने से आपको यीस्‍ट इंफेक्‍शन के साथ कई अन्य इंफेक्‍शन का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि परफ्यूम में सिंथेटिक और दूसरे केमिकल मौजूद होते हैं जो आपकी स्किन को नुकसान पहुंचाते हैं।

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3. तीसरी बात पीरियड्स के दौरान पौष्टिक और पर्याप्त मात्रा में भोजन करना बहुत जरूरी होता है, इस समय किसी भी कारण से खाना छोड़ना सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है। याद रखें इस समय शरीर बेहद कमजोर होता है, ऐसे में खाना छोड़ना भारी पड़ सकता है। कोशिश करें कि आप जो भी आहार लें वो पौष्टिक हो।

4. चौथी बात टीवी विज्ञापनों में पैड को लेकर किए गए कई लुभावने दावों के चक्कर में पड़कर महिलाएं लंबे समय तक एक ही पैड का इस्‍तेमाल करती है। पीरियड्स के दौरान ये बहुत जरूरी है कि आप हर तीन घंटे पर सैनेटरी नैपकिन बदलती रहें, इससे आप संक्रमण से सुरक्षित रहेंगी। साथ ही बदबू की समस्या भी नहीं होगी।

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5. पांचवी बात माहवारी के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले अधिकतर पैड रेयान, कॉटन या दोनों से मिलकर बने होते हैं, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इसमें हानिकारक केमिकल्स और पेस्‍टीसाइड का इस्‍तेमाल किया जाता है, जिसका बुरा असर महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। इसमें मौजूद डाइऑक्सिन वजाइना के टिश्यू पर गलत असर डालता है, हमेशा ऑर्गेनिक कॉटन से बने पैड का ही इस्‍तेमाल करना चाहिए।

6. छठवीं बात यह कि पीरियड्स के समय महिलाएं अक्सर सुस्त हो जाती हैं, ऐसे में वो हल्की-फुलकी कसरत करने से भी परहेज करने लगती हैं। लेकिन आपको बता दें, पीरियड्स के दौरान एक्‍सरसाइज जरूर करनी चाहिए। ऐसा करने से आपके शरीर से पसीने के रूप में सारे टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं।

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7. अंतिम बात यह कि कई महिलाओं को लगता है कि पीरियड्स के दौरान उनके गर्भवती होने की संभावना खत्म हो जाती है, लेकिन ऐसा नहीं है। इस दौरान भी गभर्वती होने की संभावना बनी रहती है, इसके अलावा संक्रमण से बचने के लिए भी इस दौरान संबंध बनाने से परहेज करना चाहिए।

 


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com