World Menopause Day 2022: पीरियड्स का बंद होना भी किसी चुनौतीपूर्ण से कम नहीं, जानें मेनोपॉज के ये तीन स्टेज

Stopping Periods Is No Less Challenging. World Menopause Day 2022: पीरियड्स का बंद होना भी किसी चुनौतीपूर्ण कम नहीं

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  • Publish Date - October 18, 2022 / 10:08 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:53 PM IST

Stopping Periods Is No Less Challenging: आज ‘वर्ल्ड मेनोपॉज डे’ है। रजोनिवृत्ति या मेनोपॉज एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रक्रिया है। आमतौर पर महिलाओं में 45 से 50 वर्ष की उम्र में मेनोपॉज की शुरुआत होती है, जिसका मतलब है प्रत्येक महीने होने वाले मेंस्ट्रुअल साइकिल का पूरी तरह से बंद होना। यदि किसी महिला को लगातार 12 महीने पीरियड्स ना हों, तो उसे मेनोपॉज तक पहुंचना कहा जाता है।

मेनोपॉज होने से पहले महिलाओं को कई तरह के लक्षण महसूस हो सकते हैं। किसी महिला को रजोनिवृत्ति तब होती है, जब ओवरी अंडे रिलीज करना बंद कर देती है। साथ ही महिलाओं में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन और टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर भी कम हो जाता है। इससे महिला में रिप्रोडक्टिव प्रॉसेस बंद हो जाता है।

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मेनोपॉज की शुरुआत कब होती है?
मेनोपॉज औसतन 45 से 50 वर्ष की आयु के आसपास शुरू होती है, लेकिन कई बार यह 40 साल की उम्र में भी हो सकती है, जिसे प्रीमैच्योर मेनोपॉज कहा जाता है। किसी महिला को किस उम्र में मेनोपॉज होगा, यह ज्यादातर आपके जीन से निर्धारित होता है।

मेनोपॉज के लक्षण और संकेत
Stopping Periods Is No Less Challenging: मायोक्लिनिक डॉट ओआरजी में छपी खबर के अनुसार, रजोनिवृत्ति एक नेचुरल बायोलॉजिकल प्रॉसेस है। जब एक महिला मेनोपॉज की उम्र में पहुंचती है तो कई तरह के शारीरिक संकेत और लक्षण नज़र आते हैं। इसमें हॉट फ्लैशेज के लक्षण सबसे अधिक नज़र आते हैं। साथ ही भावनात्मक लक्षण आपकी नींद को प्रभावित कर सकते हैं। शारीरिक ऊर्जा में कमी आ सकती है। मेनोपॉज से इमोशनल हेल्थ पर भी निगेटिव असर पड़ता है। ऐसे में इन लक्षणों को जीवनशैली में बदलाव लाने के साथ ही हार्मोन थेरेपी से काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।

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Stopping Periods Is No Less Challenging: इसके अलावा, जब कोई महिला मेनोपॉज की अवस्था में पहुंचती है तो पेरीमेनोपॉज के दौरान आप निम्न संकेतों और लक्षणों को भी अनुभव कर सकती हैं:
इर्रेगुलर पीरियड्स
वेजाइनल ड्राइनेस
हॉट फ्लेशैज
रात में पसीना आना
नींद न आना
मूड में बदलाव होना
वजन बढ़ना
मेटाबॉलिज्म धीमा होना
रूखी त्वचा की समस्या
बालों का अधिक गिरना
हार्ट बीट का बढ़ना
सिरदर्द होना

 

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