बालों का व्यक्तित्व निखारने में बहुत अधिक महत्त्व है। काले व घने बाल हर किसी की चाहत होती है। लेकिन, प्रदूषण, तनाव और अनियमित दिनचर्या के चलते बालों की समस्याएं आम हो रही हैं। इस समस्या् से निजात पाने के लिए आप तमाम तरह के तरीके अपनाते हैं। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि आप योग के जरिए अपने बालों को निरोग बना सकते हैं।
ग्रे हेयर योगा- उम्र से पहले बालों का सफेद होना एक आम समस्या है और इससे निजात पाने के लिए कारगर है- ग्रे हेयर योगा। इस योगा में हाथों के नाखूनों को आपस में रगड़ा जाता है। आप एक हाथ के नेल्स को दूसरे हाथ के नेल्स से रब करें। इसे एक दिन पांच मिनट के लिए 5 बार करें। अगर आप इसे योग को छह महीने के लिए नियमित तौर पर करते हैं तो बालों के असमय सफेद होने की समस्या से निजात पायी जा सकती है।
पवनमुक्तासन- पवन मुक्तासन से शरीर की दूषित वायु बाहर निकल जाती है। यह आसन पीठ के बल लेटकर किया जाता है। पहले शवासन में लेट जाएं। दोनों पैरों को एक-दूसरे से मिला लें फिर हाथों को कमर से मिलाएं। उसके बाद घुटनों को मोड़कर पंजों को जमीन से टिकाएं। इसके बाद धीरे-धीरे दोनों घुटनों को छाती पर रखें। अपने दोनों हाथों से घुटनों को पकड़ें।
व्रजासन- किसी समतल जगह पर दर्री बिछाकर पैर मोड़कर बैठ जाएं। इसके बाद पैरों की एड़ी-पंजे को दूर कर फर्श से टेक लें, किंतु दोनों घुटने मिले हुए होने चाहिए। इस आसन से आपकी पाचन शक्ति ठीक रहती है और बालों की झड़ने की समस्या में पाचन शक्ति का अहम रोल होता है।
अनुलोम-विलोम- अनुलोम-विलोम करने के लिए दरी या चटाई बिछाकर बैठ जाएं और बाएं पैर को मोड़कर दाईं जांघ पर और दाएं पैर को मोड़कर बाई जांघ पर रखें। अब दाहिने हाथ के अंगूठे से नाक के दाएं छिद्र को बंद कर लें और नाक के बाएं छिद्र से 5 तक की गिनती में सांस को भरे और फिर बायीं नाक को अंगूठे के बगल वाली दो अंगुलियों से बंद कर दें। उसके बाद दाहिनी नाक से अंगूठे को हटा दें और दायीं नाक से सांस को बाहर निकालें।
कपालभाति- सुखासन या पदसन में बैठकर दोनों हाथों को घुटनों पर ज्ञान मुद्रा में रखकर सांस को बल के साथ बाहर की ओर फेंके। सांस बाहर आएगी, तो पेट तेजी से अंदर की ओर जाएगा। बार-बार बल के साथ सांस को बाहर निकालते रहें। इससे श्वास अपने आप ही अंदर की तरफ जाएगी। इस क्रिया को शुरू में २० से ३० बार करके आखिर में सारी सांस बाहर निकाल दें। इस प्रोसेस को धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। रोज तीन बार इसकी प्रैक्टिस करें।
माण्डुकी मुद्रा- इस मुद्रा के लिए किसी शांत एवं स्वच्छ वातावरण वाले स्थान का चयन करें। शांति में किसी भी सुविधाजनक आसन में बैठ जाएं। अब मुंह बंद करके जीभ को तालु में घुमाऍ और सहस्रार से टपकती हुई बुंदों का जीभ से पान करें। यह माण्डुकी मुद्रा है। इस मुद्रा के नियमित अभ्यास से बाल झडऩा बंद हो जाता हैं।
वेब डेस्क IBC24