Publish Date - March 13, 2025 / 02:09 PM IST,
Updated On - March 13, 2025 / 02:09 PM IST
Holika Dahan 2025 Niyam| Photo Credit: Pexels
HIGHLIGHTS
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त- 13 मार्च को देर रात 11 : 27 से लेकर 14 मार्च को 12:30 तक लगभग 01 घंटा 40 मिनट तक
होलिका दहन करते समय दिशा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें
होलिका दहन की पवित्र अग्नि में केवल सूखा नारियल, उपले की माला, तिल डालें
Holika Dahan 2025 Niyam: हिंदू धर्म में रंगों के त्योहार होली को बेहद ही खास माना जाता है। हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। होली के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। वहीं, होली के एक दिन पहले होलिका दहन मनाते हैं। ऐसे में आज यानि 13 मार्च को होलिका दहन मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता के अनुसार होलिका दहन पर लोग अग्नि में नारियल, उपले की माला, तिल आदि डालते हैं, लेकिन कुछ ऐसी चीजों भी हैं जिसे डालने पर आपके लिए मुसीबत बन सकती है।
पंचांग के अनुसार, 13 मार्च को देर रात 11 : 27 से लेकर 14 मार्च को 12:30 तक लगभग 01 घंटा 40 मिनट तक होलिका दहन का शुभ मुहूर्त है। होलिका दहन करते समय दिशा और शुभ मुहूर्त का विशेष ध्यान रखें। होलिका दहन के वक्त आग उत्तर दिशा की ओर होती है तो देश और समाज में सुख-शांति बढ़ती है। होलिका दहन से पहले कलावा लपेटते हुए 5-7 बार परिक्रमा करें. होलिका दहन की अग्नि में जौ या अक्षत अर्पित करें।
होलिका दहन की पवित्र अग्नि में भूलकर भी ना डालें ये चीजें
होलिका की आग में गिला नारियल यानि पानी वाला नारियल नहीं डालना चाहिए। इसमें सिर्फ सूखा नारियल ही चढ़ाना चाहिए। वरना कुंडली में चंद्रमा की स्थिति बिगड़ती है।
होलिका की पवित्र अग्नि में गंदे कपड़े, टायर या प्लास्टिक का सामान नहीं डालना चाहिए। मान्यता है कि इससे होली माता का तिरस्कार होता है और यह पर्यावरण के लिए भी ठीक नहीं है।
होलिका दहन में फर्नीचर से निकला लकड़ी का टूटा-फूटा सामान नहीं डालना चाहिए। इससे शनि-राहु और केतु ग्रह का अशुभ प्रभाव बढ़ता है।
होलिका दहन की अग्नि में कुछ लोग मीठे पकवान या फिर गुजिया भी चढ़ा देते हैं। ऐसे में अगर होलिका दहन के दिन आप भी ऐसा ही कुछ करते हैं तो ध्यान रहे कि इसकी संख्या तीन से ज्आदा ना हो।
होलिका की अग्नि में सूखी हुई गेहूं की बालियां और सूखे फूल भी ना चढाएं। मान्यता है कि ऐसा करने से होलिका दहन का शुभ फल प्राप्त नहीं होता, बल्कि जीवन में दुर्भाग्य बढ़ने लगता है।
(यह लेख केवल धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। IBC24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।)