CM Mohan Yadav Statement: अब राज्य में ही बनेंगे यूरिया और खाद, सीएम ने Mind Summit में किया बड़ा खुलासा, कहा- प्रदेश में खुली समृद्धि की राह
CM Mohan Yadav Statement: अब राज्य में ही बनेंगे यूरिया और खाद, सीएम ने Mind Summit में किया बड़ा खुलासा, कहा- प्रदेश में खुली समृद्धि की राह
CM Mohan Yadav Statement/Image Source: IBC24
- मध्यप्रदेश में उद्योगों का नया दौर
- खाद कारखाने से लेकर यूरिया उत्पादन तक,
- सीएम ने खोली राज्य की समृद्धि की राह
भोपाल: IBC24 News Mind Summit मध्यप्रदेश में मोहन सरकार ने आज अपने कार्यकाल के दो साल पूरे कर लिए हैं। इन दो वर्षों में सरकार ने किन चुनौतियों का सामना किया, अपने चुनावी वादों को किस हद तक जमीन पर उतारा और शासन–प्रशासन के स्तर पर क्या ठोस बदलाव किए? इन्हीं अहम सवालों के जवाब तलाशने के लिए IBC24 ने ‘माइंड समिट 2025’ स्टूडियो एडिशन का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव भी शामिल हुए। उन्होंने कई मुद्दों को सवालों के जवाब दिए और अपनी बात रखी। इस दौरान सीएम साय ने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया।
सीएम ने खोली राज्य की समृद्धि की राह (CM Mohan Yadav industrial speech)
CM Mohan Yadav Statement: सीएम मोहन यादव ने विकसित मध्यप्रदेश को लेकर बयान देते हुए कहा कि आपने सबने देखा होगा कि यह भोपाल जो पहले जीआईएस से वंचित था। रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव जैसी पहल भी यहां पहले नहीं होती थी। उद्योग के मामले में हमारी कृषि विकास दर बहुत अच्छी थी लेकिन कृषि के अलावा अगर हमारी राज्य की इकोनॉमी को मजबूती देना था तो उद्योगों का आना बहुत जरूरी था। इस पर विचार करने के बाद हमने निर्णय लिया कि रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जाना चाहिए।
मध्यप्रदेश को मिलेगा नया उद्योगिक युग (Madhya Pradesh industrial development)
CM Mohan Yadav Statement: मैं मानता हूं कि ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहर पहले बड़े थे भोपाल भी बड़ा था लेकिन यहां उद्योगों की शुरुआत पहली बार हुई। जब हम यह आयोजन कर रहे थे तो कई बड़े उद्योगपति आश्चर्यचकित थे कि ग्वालियर, जबलपुर जैसे शहरों में वे पहली बार आ रहे थे। यही नहीं अब खाद के कारखाने भी सागर में शुरू हो गए हैं जो एक बड़ी उपलब्धि है। और यह खाद भी किस प्रकार की है जैसे बाराबत्ती, 16 एनपीके, यूरिया ये सब अब हमारे राज्य में ही बन रहे हैं। आज मध्यप्रदेश के अधिकांश खाद की आपूर्ति झाबुआ और सागर से हो रही है। सिर्फ भारत सरकार की परमिशन चाहिए, बाकी सब काम हमारे राज्य में हो रहा है। यह एक नई और चुनौतीपूर्ण स्थिति है, क्योंकि हम अब रूस जैसे देशों पर निर्भर नहीं हैं बल्कि हमारे उद्योगपति अब अपने राज्य में ही यह सब उत्पादन कर रहे हैं। यह केवल एक उदाहरण नहीं बल्कि कई ऐसी सौगातें हैं जो हमारे राज्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं।

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