Shahdol School Paint Scam: सरकारी स्कूल में 24 लीटर पेंट पुताई करने लगाए 443 लेबर और 215 मिस्त्री! 3 लाख 38000 का भुगतान, शिक्षामंत्री ने दिए कठोर कार्रवाई के निर्देश
Shahdol School Paint Scam: स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और आयुक्त लोक शिक्षण को प्रकरण की तत्काल जाँच करने के निर्देश दिये हैं।
Shahdol School Paint Scam, image source: ibc24
- आयुक्त लोक शिक्षण को प्रकरण की तत्काल जाँच करने के निर्देश
- स्कूल में 24 लीटर पेंट करने के लिए 443 लेबर, 215 मिस्त्री को 3 लाख 38 हजार का भुगतान
- 2 सरकारी स्कूलों में सिर्फ 24 लीटर पेंट करने के लिए 443 लेबर
भोपाल: Shahdol School Paint Scam, स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह ने शहडोल जिले के ब्यौहारी के सकंदी सरकारी हाई स्कूल में शाला की मरम्मत के मामले में अनियमितता का प्रकरण सामने आने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि किसी भी तरह की अनियमितता या गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव और आयुक्त लोक शिक्षण को प्रकरण की तत्काल जाँच करने के निर्देश दिये हैं। जाँच के बाद दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जायेगी।
Shahdol Paint Scam: बता दें कि शहडोल के 2 सरकारी स्कूलों में सिर्फ 24 लीटर पेंट करने के लिए 443 लेबर, 215 मिस्त्री को 3 लाख 38 हजार रुपये का भुगतान किया गया था। इस काम का बिल सोशल मीडिया में वायरल हुआ था, जिसके बाद से ही इस मामले में शिक्षा मंत्री ने एक्शन लिया है।
शहडोल के ब्यौहारी में सकंदी हाई स्कूल के निर्माण कार्यों में आई शिकायत उपरांत प्राथमिक जाँच में दोषी पाए जाने पर शाला के प्रभारी प्राचार्य को तत्काल निलंबित किया गया है।
विभाग ऐसे किसी भी मामले में दोषियों पर सख्त कार्रवाई हेतु प्रतिबद्ध है।@CMMadhyaPradesh @schooledump
— Uday Pratap Singh (@udaypratapmp) July 5, 2025
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आपको बता दें कि ये कारनामा हुआ है एमपी के शहडोल जिले की ब्यौहारी विधान सभा के ग्राम सकंदी एवं निपानिया ग्राम के स्कूल में और इसका पेमेंट भी हो गया। ब्यौहारी विधान सभा के शासकीय हाई स्कूल ग्राम सकंदी में खिडकियों और बाकी जगह पेंट होना था। इसके लिए जो जरूरी सामान खरीदा गया था वो था सिर्फ चार लीटर पेंट, लेकिन जब उसका बिल पास करवाया गया तो उसमें 168 मज़दूर और 65 राज मिस्त्री के काम करने की बात दर्शाई गई। इस बिल में साफ़ लिखा है राशि 1,06,984 रुपये (एक लाख छह हजार नौ सौ चौरासी)। दिलचस्प बात ये है कि ये राशि प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी फूल सिंह मरपाची ने ट्रेजरी से निकाल भी ली।
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Shahdol School Paint Scam ,इसी तरह शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय निपनिया में भी 275 मजदूरों और 150 राजमिस्त्री 20 लीटर ऑयल पेंट पुताई और 10 नग खिड़की लगवाई एवं चार दरवाजों की फिटिंग में लगे। इसके लिए 2,316,85 रुपये निकाले गए। गौरतलब है दोनों स्कूल जहां हैं, वहां तो इतने मजदूर और राज मिस्त्री ही नहीं हैं। बिल किसी सुधाकर कंस्ट्रक्शन ग्राम पंचायत ओदारी तहसील ब्यौहारी का है, जिसे प्रिंसपल ने वेरीफाई किया है।
Shahdol Paint Scam: रुकिए…. कहानी यहीं नहीं ख़त्म होती, जरा उलटी बहती गंगा के और दर्शन करिए। बिल 5 मई 2025 को रेडी हुआ और बिल करने से तकरीबन एक महीने एक दिन पहले यानी 4 अप्रैल 2025 को वेरीफाई कर दिया गया। अब प्रश्न यह उठता है कि 1 महीना पहले ही प्रिंसिपल कैसे सत्यापित कर सकते हैं और ट्रेजरी इसे पास कैसे कर सकता है। अब अधिकारियों की चेतना जगी है महज एक टिप्पणी के साथ की मामले की जांच करवाई जाएगी।


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