Unique marriage: शादी के बाद हेलीकॉप्टर से हुई दुल्हन की विदाई, दूल्हे के परिवार ने बेटी जैसे दिया बहू को सम्मान

helicopter se bahu ki bidai: यह घटना न केवल परिवार की सादगी और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि रिश्ते केवल रक्त के नहीं, बल्कि सम्मान, विश्वास और प्यार से बनते हैं।

Unique marriage: शादी के बाद हेलीकॉप्टर से हुई दुल्हन की विदाई, दूल्हे के परिवार ने बेटी जैसे दिया बहू को सम्मान

helicopter se bahu ki bidai, image source: ibc24

Modified Date: February 19, 2025 / 12:00 am IST
Published Date: February 18, 2025 11:57 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अपनी बहू को विदाई देने के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया
  • विदाई किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रही

छतरपुर: helicopter se bahu ki bidai, हरपालपुर के राजपूत परिवार ने अपनी बहू हिमांशी को बेटी के समान मानते हुए उसे हैलीकॉप्टर से विदा कर घर लाने का अनूठा तरीका अपनाया। यह घटना न केवल परिवार की सादगी और समर्पण को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि रिश्ते केवल रक्त के नहीं, बल्कि सम्मान, विश्वास और प्यार से बनते हैं।

यह घटनाक्रम छतरपुर जिले में हुआ, जहां एक परिवार ने अपनी बहू को विदा करने के लिए पारंपरिक रीति-रिवाजों से हटकर कुछ खास करने का फैसला लिया। परिवार ने अपनी बहू को विदाई देने के लिए हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया, जिससे यह विदाई किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रही थी। जब परिवार ने अपनी बहू को विदाई दी, तो वह पल सचमुच भावुक और यादगार था। जब बहू को विदा किया गया, तो उसका चेहरा खुशी और आंसुओं से भरा हुआ था, क्योंकि इस विदाई में एक विशेष भावना और स्नेह था।

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परिवार ने यह भी सुनिश्चित किया कि उनकी बहू का स्वागत उतनी ही आदर और प्रेम के साथ हो, जितना कि वे अपनी बेटी का करते। विदाई के इस खास मौके पर, परिवार ने अपनी बहू हिमांसी को हैलीकॉप्टर से घर वापस लाने का निर्णय लिया। यह एक अनोखा तरीका था, जिसे परिवार ने पूरे हर्षोल्लास के साथ अपनाया। हैलीकॉप्टर का इस्तेमाल न केवल एक खास तरीके से विदाई देने के लिए किया गया, बल्कि यह भी दर्शाता है कि इस परिवार के लिए रिश्ते कितने अहम हैं।

यह पल सभी के लिए अविस्मरणीय था, क्योंकि उन्होंने इस दिन को न केवल पारिवारिक संस्कारों के रूप में मनाया, बल्कि इसे एक तरह से परिवार के स्नेह और रिश्ते के नए आयाम के रूप में देखा। परिवार का मानना था कि बहू को केवल घर की सदस्य मानकर ही नहीं, बल्कि उसे सम्मान और प्यार देने से ही रिश्तों में मजबूती आती है। यह कदम पारिवारिक संबंधों को और भी प्रगाढ़ करता है और बच्चों के बीच स्नेह और समझदारी को बढ़ावा देता है।

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इस अनोखी विदाई ने यह भी संदेश दिया कि हर परिवार की अपनी विशेषताएं होती हैं, और पारंपरिक रीति-रिवाजों को नए तरीके से अपनाया जा सकता है। इससे यह साबित हुआ कि सच्चे रिश्ते केवल समय और पारंपरिक संस्कारों पर निर्भर नहीं होते, बल्कि एक-दूसरे के प्रति सच्चे सम्मान और समझ पर आधारित होते हैं।


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com