Delhi School Fees, image source: ibc24 file
Delhi School Fees: दिल्ली की राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए मंगलवार (29 अप्रैल) को कैबिनेट मीटिंग में दिल्ली स्कूल फीस एक्ट को मंज़ूरी दे दी है। दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली के सभी स्कूलों में फीस को लेकर कैबिनेट ने बिल पास किया है। इस बिल से पैरेंट्स को राहत मिलेगी। राज्य में स्कूल फीस न बढ़ा पाएं इसके लिए आज तक पहले की सरकार ने कोई भी प्रावधान नहीं बनाया था। अब दिल्ली के 1677 स्कूलों को एक नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि पिछले दिनों से अभिभावक स्कूल और छात्रों के बीच में विषय चल रहा था। स्कूल प्रशासन के द्वारा अलग-अलग उठाए गए कदमों के द्वारा विषय सामने आ रहा था, हमने अपने अधिकारियों को स्कूल में भेजा, डीएम को स्कूल भेजा जिन्होंने स्कूलों में फीस की बढ़ोतरी को लेकर अपनी पूरी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है।
वहीं दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा कि बिल का नाम दिल्ली स्कूल एजुकेशन ट्रांसपेरेंसी इन फिक्सेशन एंड रेगुलेशन 2025 है। फीस बढ़ेगी या नहीं सब कुछ पारदर्शी तरीके से होगा, उन्होंने कहा कि पिछले बिल में फीस को बढ़ाने को लेकर किसी भी प्रकार की कोई रोकटोक नहीं रखी गई थी। इस बिल में तीन स्तरीय समिति बनाकर इस बिल को लागू करने का काम किया गया है।
शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने कहा , “पहले स्कूल लेवल पर कमेटी बनेगी जो 10 सदस्यीय होगी। इसमें अभिभावक भी शामिल होंगे। ये कमेटी निर्णय करेगी कि फीस बढ़ेगी या नहीं। 31 जुलाई को कमेटी का गठन होगा जो 30 दिनों में रिपोर्ट देगी। अगर रिपोर्ट नहीं दे पाएगी या सहमति नहीं बन पाएगी तो डिस्ट्रिक्ट लेवल कमेटी इन्हें सुनेगी। अगर यहां भी सहमति नहीं हुई तो स्टेट लेवल कमेटी फैसला लेगा। जो स्कूल बिना कमेटी के निर्णय के फीस बढ़ाने का काम करेगा, उसे एक लाख से 10 लाख तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है और स्कूल का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है।” इतना ही नहीं अगर किसी बच्चे को स्कूल से बाहर बैठाया तो 50 हजार प्रति बच्चे की दर से प्रतिदिन का जुर्माना भरना पड़ेगा।
अब देखना होगा कि सरकार के इस कदम से स्कूलों पर क्या प्रभाव पड़ता है।
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