CG News: पूर्व कैबिनेट मंत्री सक्ती रियासत के राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार

Surendra Bahadur Singh passed away: राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ना केवल अविभाजित मध्यप्रदेश में राजनीति का हिस्सा रहे, बल्कि सक्ती रियासत के राजा के रूप में भी अत्यंत लोकप्रिय थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका निभाई।

CG News: पूर्व कैबिनेट मंत्री सक्ती रियासत के राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का निधन, लंबे समय से चल रहे थे बीमार
Modified Date: April 29, 2025 / 07:43 pm IST
Published Date: April 29, 2025 7:43 pm IST
HIGHLIGHTS
  • अविभाजित मध्यप्रदेश में राजनीति का हिस्सा रहे राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह
  • सक्ती रियासत के राजा के रूप में भी अत्यंत लोकप्रिय

सक्ती: Surendra Bahadur Singh passed away सक्ती रियासत के राजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का आज 29 अप्रैल मंगलवार को 83 वर्ष की उम्र मे निधन हो गया। उन्होंने सक्ती स्थित हरी गुजर महल में अंतिम सांस ली। बताया जा रहा है कि वे पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और महल में ही रहकर इलाज करवा रहे थे। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।

राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह ना केवल अविभाजित मध्यप्रदेश में राजनीति का हिस्सा रहे, बल्कि सक्ती रियासत के राजा के रूप में भी अत्यंत लोकप्रिय थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में भी लंबे समय तक सक्रिय भूमिका निभाई। उन्होंने सक्ती क्षेत्र में विभिन्न धार्मिक और शैक्षणिक संस्थाओं की स्थापना और संचालन में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

छह दशक पहले नगर के लोगों ने सक्ती रियासत के नए राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का राज्याभिषेक देखा था। तब राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह महज 18 साल के थे। इसके बाद पीढियां बदलती गई है। करीब साठ साल बाद इस रियासत में एक बार फिर राज्याभिषेक का दौर आया था।

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ऐसा रहा सक्ती रियासत का इतिहास

1865 में 14 रियासतों का गठन हुआ था। उस समय सक्ती छोटी रियासत थी। उस समय बड़ी रियासत बस्तर थी। सक्ती रियासत के सबसे पहले राजा हरि गुजर हुए। इनके पुत्र रूपनारायण सिंह ने गद्दी 1914 में निधन होते तक सम्हाली। राजा रूपनारायण की एकमात्र बेटी थी। कोई बेटा नहीं था। उनकी बेटी की शादी रायगढ़ के राजा नटवर सिंह के साथ हुई थी। उन्होंने छोटे भाई चित्रभान के बेटे लीलाधर सिंह को गोद लिया था। 1914 में ही राजा लीलाधर राजा बन गए थे। जिवेंद्र बहादुर सिंह का अल्पायु में ही निधन हो जाने के कारण 18 वर्ष की उम्र में 1960 में सुरेंद्र बहादुर सिंह राजा बनें और विरासत को अभी तक 79 वर्ष की आयु तक सम्हाल रहे थे। उनके छोटे भाई कुमार पुष्पेंद्र बहादुर सिंह का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com