Jheeram Valley conspiracy: नंदकुमार पटेल की हत्या के लिए रचा गया था झीरम घाटी षड़यंत्र, टीएस सिंहदेव ने कहा- ‘कोई था जो नहीं चाहता था कि वो मुख्यमंत्री बनें’

TS singhdeo on Jheeram Valley conspiracy: उस समय तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष स्व नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस पूरे छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम कर रही थी। जिसके प्रभारी पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव खुद थे।

Jheeram Valley conspiracy, image source: ibc24

Modified Date: May 25, 2025 / 09:22 PM IST
Published Date: May 25, 2025 9:17 pm IST
HIGHLIGHTS
  • झीरम घाटी हमला मात्र नक्सली हमला न होकर एक षड़यंत्र था: टी एस सिंहदेव
  • परिवर्तन यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की हत्या
  • कोई था जो नहीं चाहता था कि नंदकुमार पटेल मुख्यमंत्री बनें: टी एस सिंहदेव

अंबिकापुर: TS singh deo on Jheeram Valley conspiracy, झीरम घाटी घटना में शहीद हुए कांग्रेस नेताओं और उनके सुरक्षा कर्मियों की 12 वीं पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस दौरान पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि झीरम घाटी हमला मात्र नक्सली हमला न होकर एक षड़यंत्र था। जिसका उद्देश्य कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष स्व.नंदकुमार पटेल की हत्या थी।

25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला हुआ था। इस हमले में कांग्रेस के 14 नेताओं उनके सुरक्षाकर्मियों सहित 33 लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसमें कांग्रेस के कद्दावर नेता पंडित विद्याचरण शुक्ल, नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, उदय मुदलियार, योगेंद्र शर्मा, दिनेश पटेल आदि के नाम शामिल हैं।

read more: पलानीस्वामी ने टीएएसएमएसी में ईडी की जांच पर कहा, बिना आग के धुआं नहीं उठता

परिवर्तन यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की हत्या

उस समय तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष स्व नंदकुमार पटेल के नेतृत्व में कांग्रेस पूरे छत्तीसगढ़ में परिवर्तन यात्रा का कार्यक्रम कर रही थी। जिसके प्रभारी पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव खुद थे। घटना दिनांक को परिवर्तन यात्रा सुकमा में सभा उपरांत जगदलपुर की ओर लौट रही थी। तभी नक्सलियों ने दरभा के झीरम घाटी में यात्रा पर हमला कर कांग्रेस नेताओं सहित 33 लोगों की हत्या कर दी थी।

झीरम घाटी हमलों की बरसी पर जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय राजीव भवन में शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री ने पूरी घटना को सिलसिलेवार ढंग से बतलाने के बाद उन पहलुओं का खुलासा किया जो 25 मई 2013 की घटना में एक गहरे षडयंत्र की ओर इशारा कर रहे थे।

read more: Kal Ka Rashifal: दो दिन बाद बदलने वाला है इन राशियों का भाग्य, कारोबार में करेंगे तरक्की, पूरे होंगे अधूरे काम

पूर्व उपमुख्यमंत्री टी एस सिंहदेव, कांग्रेस जिलाध्यक्ष बालकृष्ण पाठक एवं बस्तर कांग्रेस के नेता राजेश तिवारी सुकमा में परिवर्तन रैली के रवाना होने के कुछ समय पूर्व अगले सभा की तैयारियों के लिए वहाँ से वापस निकल गए थे। उस दौरान उन्होंने पूरे मार्ग में कहीं भी सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं देखा था। जबकि प्रशासन को रूट की जानकारी दी गई थी। प्रशासन के पास इलाके में नक्सलियों के मूवमेंट के कई इनपुट होने के बावजूद ऐसा नहीं होना आश्चर्यजनक था।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि नक्सलियों ने हमलों के दौरान कई बार स्व नंदकुमार पटेल के बारे में पूछताछ कर उनकी पहचान की और उसके बाद उन्हें और उनके पुत्र को अलग जंगल में ले जाकर उनकी हत्या कर दी। वास्तव में हमला स्व नंद कुमार पटेल को लक्ष्य कर किया गया था।

read more:  Cyber Fraud in Durg: छत्तीसगढ़ में साइबर क्राइम पर बड़ी कार्रवाई, म्यूल अकाउंट से जुड़े 12 आरोपी गिरफ्तार

कोई था जो नहीं चाहता था कि नंदकुमार पटेल मुख्यमंत्री बनें

उन्होंने स्पष्ट कहा कि 2013 में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते स्व नंदकुमार पटेल का मुख्यमंत्री बनना तय था। कोई था जो नहीं चाहता था कि वो मुख्यमंत्री बने। इसी उद्देश्य से झीरम हमलों की सुनियोजित साजिश रची गई। उन्होंने NIA जाँच के लिये तय बिंदुओं को लेकर आश्चर्य व्यक्त किया।

उन्होंने कहा कि तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने NIA की जांच के लिये यह बिंदु ही तय नहीं किया कि यह घटना कैसे हुई? इस घटना की चूक का जिम्मेदार कौन था? नक्सली मूवमेंट की सूचना के बावजूद सुरक्षा बंदोबस्त क्यों नहीं थे? घटना के षड़यंत्र को जानने के लिए इन बिंदुओं पर जांच करवाने के बजाय राज्य सरकार ने NIA को भविष्य में ऐसी घटना न हो को जांच का मुख्य बिंदु बनाया गया।

लाख प्रयास के बावजूद भी आजतक NIA की रिपोर्ट राज्य सरकार को नहीं सौपना अनेक शंकाओं को जन्म देता है। उन्होंने कहा कि वे परिवर्तन यात्रा के प्रभारी थे, लेकिन कभी भी NIA के द्वारा उन्हें पूछताछ के लिए नहीं बुलाया जाना आश्चर्यजनक है।

सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः
लेखक के बारे में

लेखक डॉ.अनिल शुक्ला वर्ष 2019 से छत्तीसगढ़-मध्यप्रदेश के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में सीनियर एसोसिएट प्रोड्यूसर और शिफ्ट इंचार्ज हैं। वर्ष 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय, चित्रकूट, सतना, मध्यप्रदेश से पत्रकारिता एवं जनसंचार विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। इसके पहले महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा, महाराष्ट्र से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर, छत्तीसगढ़ से एम.एससी इन इलेक्ट्रानिक मीडिया (M.sc EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान पर आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इनके अलावा गुरूघासीदास विश्वविद्यालय से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। लेखक ने पोस्ट ग्रेजुएशन डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एण्ड मासकम्यूनिकेशन (PGDJMC) और पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन रूरल डेवलेपमेंट (PGDRD) विषय में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। लेखक ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता निभाया है। तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। लेखक को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है।