Rajasthan Thakur ji Pradarshan: प्रशासन रहा खामोश, तो भगवान को बनाया न्याय का साथी, पालकी में ठाकुर जी के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे लोग…
बांदीकुई उपखंड के गादरवाड़ा ब्राह्मण गांव के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए भगवान ठाकुर जी की मूर्ति को पालकी में विराजमान कर कलेक्ट्रेट पहुँचना तय किया, यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रशासनिक उपेक्षा के विरुद्ध उठी पुकार थी।
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- धार्मिक आस्था के साथ अनोखा प्रदर्शन बना चर्चा का विषय।
- ठाकुर जी को पालकी में बिठाकर ग्रामीण पहुँचे कलेक्ट्रेट।
- रास्ता विवाद और जमीन पर कब्जे को लेकर नाराज़गी।
Rajasthan Thakur ji Pradarshan: जहाँ आमतौर पर धरने-प्रदर्शन नारों और बैनरों के सहारे होते हैं, वहीं दौसा जिला मुख्यालय पर गुरुवार को एक ऐसा दृश्य देखने को मिला, जिसने सबका ध्यान खींच लिया। बांदीकुई उपखंड के गादरवाड़ा ब्राह्मण गांव के ग्रामीणों ने अपनी मांगों को मनवाने के लिए भगवान ठाकुर जी की मूर्ति को पालकी में विराजमान कर कलेक्ट्रेट पहुँचना तय किया, यह सिर्फ प्रदर्शन नहीं, बल्कि श्रद्धा और प्रशासनिक उपेक्षा के विरुद्ध उठी पुकार थी।
ग्रामीणों का अनोखा प्रदर्शन
Rajasthan Thakur ji Pradarshan: कलेक्ट्रेट परिसर में ग्रामीणों ने भजन-कीर्तन किए, झालर बजाई और कलेक्टर चेंबर के बाहर ही ठाकुर जी की मूर्ति स्थापित कर अपनी व्यथा सुनाई। उनका कहना था कि वे रास्ता विवाद और सिवाय चक भूमि पर अतिक्रमण जैसी गंभीर समस्याओं से सालों से परेशान हैं, लेकिन कई ज्ञापनों और फरियादों के बावजूद प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे हरिमोहन पुजारी और विनोद सैनी ने बताया कि गांव में आम रास्ता दशकों से चला आ रहा था, जिसे कुछ लोगों ने जबरन बंद कर दिया है। जिस जमीन की बात हो रही है, वह पुजारियों को ठाकुर जी की पूजा के लिए दान में दी गई थी। साथ ही, सिवाय चक भूमि पर भी अवैध कब्जे लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
एडीएम रामस्वरूप चौहान को सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने एडीएम रामस्वरूप चौहान को ज्ञापन सौंपा और समस्या के शीघ्र समाधान की मांग की। अधिकारियों ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि वे अब सिर्फ आश्वासन नहीं, कार्रवाई चाहते हैं।

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