Ration Card : छत्तीसगढ़ में रद्द होगा इन लोगों का राशनकार्ड! केंद्र सरकार के नए निर्देश से आयुष्मान कार्ड में भी छाया संकट

Chhattisgarh Ration card: निर्देश ये हैं कि जो लोग 6 महीने से राशन नहीं ले रहे हैं, उनका राशन कार्ड रद्द हो सकता है। राष्ट्रीय मीडिया से खबर आने के बाद प्रदेश में हलचल शुरू हो गई है, क्योंकि यहां राशन कार्ड कई सरकारी योजनाओं से लिंक हैं।

Ration Card : छत्तीसगढ़ में रद्द होगा इन लोगों का राशनकार्ड! केंद्र सरकार के नए निर्देश से आयुष्मान कार्ड में भी छाया संकट
Modified Date: July 25, 2025 / 07:46 pm IST
Published Date: July 25, 2025 6:55 pm IST
HIGHLIGHTS
  • 6 महीने तक राशन कार्ड नहीं लेने पर राशन कार्ड रद्द
  • राशन कार्ड रद्द होते हैं तो उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाना मुश्किल
  • कई सरकारी योजनाओं से लिंक हैं राशन कार्ड

रायपुर: Ration Card News, राशन कार्ड को लेकर केंद्र सरकार के एक निर्देश से छत्तीसगढ़ में कई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। निर्देश ये हैं कि जो लोग 6 महीने से राशन नहीं ले रहे हैं, उनका राशन कार्ड रद्द हो सकता है। राष्ट्रीय मीडिया से खबर आने के बाद प्रदेश में हलचल शुरू हो गई है, क्योंकि यहां राशन कार्ड कई सरकारी योजनाओं से लिंक हैं।

6 महीने तक राशन कार्ड नहीं लेने पर राशन कार्ड रद्द

इनमें सबसे बड़ी चुनौती आयुष्मान कार्ड को लेकर सामने आ सकती है। प्रदेश में नया आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए राशन कार्ड होना जरूरी है। गरीबी रेखा से उपर के लाखों परिवारों ने नया राशन कार्ड बनवाया ही इसलिए है ताकि उससे आयुष्मान कार्ड बनाया जा सके। इनमें से अधिकांश परिवार ऐसे हैं जो महीनों तक राशन नहीं लेते। ऐसे में अगर 6 महीने तक राशन कार्ड नहीं लेने पर राशन कार्ड रद्द होने का नियम प्रदेश में भी लागू होता है, तो आयुष्मान कार्ड का क्या होगा?

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…तो आयुष्मान कार्ड बनाना होगा मुश्किल

हालांकि स्वास्थ विभाग के अधिकारी का कहना है कि एक बार आयुष्मानकार्ड बनने के बाद वह रद्द नहीं होता है। इसलिए राशन कार्ड रद्द होने पर भी इस पर प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन उन लोगों के लिए मु्श्किल जरुर खड़ी हो सकती है जो राशन कार्ड तो बनावा चुके हैं, लेकिन आयुष्मान कार्ड नहीं बनवाए हैं। अगर इनका ऐसे लोगों को राशन कार्ड रद्द होते हैं तो उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाना मुश्किल होगा।

एक आशंका ये भी है कि राशन कार्ड बचाने के लिए चावल की कालाबाजारी और जोर पकड़ सकती है। ऐसे लोगों जिन्हें असल में चावल की जरूरत नहीं है, वो कार्ड बचाने चावल लेकर खुले मार्केट में बेच देंगे। हालांकि खाद्य आयोग के नए अध्यक्ष कहना है कि अभी केंद्र से कोई निर्देश नहीं आए हैं, लेकिन जो भी निर्देश आएंगे, उसमें गरीब और आम लोगों के हित प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com