Sonam Wangchuck: कड़ी सुरक्षा के बीच कटी सोनम वांगचुक की रात, जोधपुर जेल में CCTV कैमरे से निगरानी कर रहे अधिकारी
लद्दाख में हिंसक प्रदर्शनों के दो दिन बाद जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को पुलिस ने गिरफ्तार कर राजस्थान के जोधपुर जेल भेजा। प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
Image Source: Screengrab/Organiser
- सोनम वांगचुक लेह में प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे थे।
- लेह में उनकी गतिविधियों की लगातार वीडियोग्राफी की जा रही है।
- लद्दाख आंदोलन के बीच सोनम वांगचुक पर वित्तीय अनियमितताओं के गंभीर आरोप।
Sonam Wangchuck: लेह में हाल ही में हुए प्रदर्शन और उसके दौरान हुई हिंसा के बाद एन्वायर्नमेंटल एक्टिविस्ट एंड सोशल लीडर सोनम वांगचुक को हिरासत में लिया गया। वो लद्दाख के जलवायु परिवर्तन, स्वायत्तता और पारिस्थितिकी संरक्षण के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्षरत हैं और हाल ही में हुए आंदोलन में उनका नेतृत्व था। प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर उन्हें गिरफ्तार किया।
सोनम वांगचुक लद्दाख के जलवायु परिवर्तन, स्वायत्तता और पारिस्थितिकी संरक्षण के मुद्दों पर लंबे समय से संघर्षरत हैं और हाल ही में हुए आंदोलन में उनका नेतृत्व था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उनको अभी जोधपुर सेंट्रल जेल में स्पेशल सिक्योरिटी में रखा गया है जहां उन पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। दिल्ली से विशेष विमान द्वारा सोनम वांगचुक को जोधपुर लाया गया, जहां एयरफोर्स स्टेशन से बख्तरबंद गाड़ी के माध्यम से उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल पहुंचाया गया। उनके साथ हथियारबंद जवानों की विशेष सुरक्षा टीम भी तैनात की गई थी। पुलिस कमिश्नर ओमप्रकाश ने स्वयं इस सुरक्षा व्यवस्था की निगरानी संभाली और सुनिश्चित किया कि कोई अप्रिय स्थिति न हो।
हर पल की गतिविधि की वीडियोग्राफी
उनकी हर पल की गतिविधि की वीडियोग्राफी की जा रही है, और वरिष्ठ अधिकारी व सुरक्षा टीमें लगातार उनकी सुरक्षा और निगरानी कर रही हैं। सोनम वांगचुक के शांतिपूर्ण आंदोलन और अनशन का अनुभव होने के कारण प्रशासन ने विशेष सतर्कता बरती है ताकि जेल में किसी भी तरह की समस्या न हो।
सोनम वांगचुक ने अपनी सफाई में क्या कहा?
लेह और कारगिल, 2019 में पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य को विभाजित कर बनाये गए हैं और लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश का हिस्सा हैं। केंद्र ने हालिया हिंसा के लिए वांगचुक को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि सोनम वांगचुक ने सभी आरोपों से इनकार किया है। वांगचुक ने बृहस्पतिवार को कहा था, ‘‘यह कहना कि यह (हिंसा) मेरे द्वारा भड़कायी गयी थी, समस्या की जड़ तक पहुंचने के बजाय, कोई बलि का बकरा ढूंढने जैसा है, और इससे हमें कोई फायदा नहीं होगा।’’
एफसीआरए लाइसेंस रद्द
वांगचुक की गिरफ्तारी उनके द्वारा स्थापित संगठन ‘स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख’ का विदेशी चंदा नियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस गृह मंत्रालय द्वारा रद्द करने के एक दिन बाद हुई। मंत्रालय ने कथित वित्तीय विसंगतियों और ‘‘राष्ट्रीय हित’’ के खिलाफ माने जाने वाले धन अंतरण का हवाला देते हुए वांगचुक के संगठन का एफसीआरए लाइसेंस रद्द कर दिया था।
जोधपुर सेंट्रल जेल के बारे में
जोधपुर सेंट्रल जेल को देश की सबसे सुरक्षित जेलों में से एक माना जाता है, तिहाड़ जेल के बाद ये दूसरी सबसे कड़ी सुरक्षा वाली जेल मानी जाती है। इस जेल में पहले पंजाब और अन्य राज्यों के आतंकवादी कैद थे, इसलिए इसकी सुरक्षा व्यवस्था अत्यंत कठोर और तकनीकी रूप से उन्नत है। जेल प्रशासन ने सोनम वांगचुक की हर गतिविधि पर कड़ी निगरानी रखी है।
आगे की कार्रवाई
पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच जारी रखे हुए हैं और कानूनी कार्रवाई भी हो रही है। प्रशासन का उद्देश्य है कि आंदोलन के दौरान हुई हिंसा के पीछे के कारणों का पता लगाकर स्थिति को नियंत्रित किया जाए। साथ ही यह सुनिश्चित करना की आगे कोई अप्रिय घटना न हो। सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी और जेल में सुरक्षा व्यवस्था से जुड़े इस मामले ने राजनीतिक और सामाजिक रूप से कई बहसें छेड़ी हैं। पर्यावरण संरक्षण और स्वायत्तता के लिए उनकी आवाज़ को लेकर विवाद भी गहरा गया है। इस पूरे घटनाक्रम पर प्रशासन की कड़ी नजर है और आगे की कार्रवाई पर नजर बनी हुई है।

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