Swachh Survekshan 2025: ये है भारत के 10 सबसे गंदे शहर, इन वजहों से लुढ़की स्वच्छता रैंकिंग, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे थे यहां रहने की प्लानिंग?

ये है भारत के 10 सबसे गंदे शहर, इन वजहों से लुढ़की स्वच्छता रैंकिंग, These are the 10 dirtiest cities in India, due to which the cleanliness ranking has dropped.

Swachh Survekshan 2025: ये है भारत के 10 सबसे गंदे शहर, इन वजहों से लुढ़की स्वच्छता रैंकिंग, कहीं आप भी तो नहीं कर रहे थे यहां रहने की प्लानिंग?
Modified Date: November 5, 2025 / 05:33 pm IST
Published Date: November 5, 2025 5:12 pm IST
HIGHLIGHTS
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-2025 रिपोर्ट में तमिलनाडु का मदुरै भारत का सबसे गंदा शहर घोषित हुआ।
  • बड़े महानगर जैसे दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु भी स्वच्छता रैंकिंग में निचले पायदान पर रहे।

नई दिल्लीः Swachh Survekshan 2025: चमचमाती बहुमंजिला इमारतें और आधुनिक शॉपिंग मॉल भले ही देश के बड़े शहरों की शोभा बढ़ाती हो, लेकिन वहां स्वच्छता का आलम क्या होता है? समय-समय पर आती स्वच्छता रिपोर्ट इसे बयां कर देती है। ताजा स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-2025 रिपोर्ट में सफाई के आधार पर भारतीय शहरों की रैंकिंग बताई गई है, जिसमें मुंबई सबसे नीचे है और दस लाख से ज़्यादा आबादी वाले सबसे गंदे शहरों में 33वें स्थान पर है।

सबसे साफ़ भारतीय शहरों की लिस्ट (Swachh Survekshan 2025)

Swachh Survekshan 2025: रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात का अहमदाबाद शहर सफाई के मामले में पहले नंबर पर है, उसके बाद भोपाल, लखनऊ, रायपुर, जबलपुर टॉप 5 जगहों पर हैं। ग्रेटर हैदराबाद, पिंपरी चिंचवाड़, पुणे, GVMC विशाखापत्तनम, आगरा जैसे अन्य शहर भी टॉप स्थान पर हैं।

भारत के शीर्ष 10 सबसे गंदे शहर

ताजा स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-2025 रिपोर्ट के मुताबिक तमिलनाडु का मदुरै सबसे नीचे रहा है। मदुरै को 4823 अंकों के साथ सबसे गंदा शहर घोषित किया गया है। इसके बाद क्रमशः लुधियाना (5272 अंक), चेन्नई (6822), रांची (6835) और बेंगलुरु (6842) का स्थान रहा। सूची में आगे धनबाद (7196), फरीदाबाद (7329), ग्रेटर मुंबई (7419), श्रीनगर (7488) और दिल्ली (7920) शामिल हैं। रिपोर्ट से यह स्पष्ट हुआ है कि बड़े और विकसित शहर भी स्वच्छता के मोर्चे पर पिछड़ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि कचरा प्रबंधन की कमजोर व्यवस्था, जनसंख्या दबाव और नागरिक अनुशासन की कमी इन शहरों में गंदगी की मुख्य वजह है।

 ⁠

इन्हें भी पढ़ें:


सामान्यतः पूछे जाने वाले प्रश्नः

लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।