Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025: 14 अगस्त को हुआ दुनिया का सबसे बड़ा विस्थापन, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर जानें दर्द भरी दास्तां
Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025: इस दिन उन अनगिनत पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने विभाजन की भयावहता झेली और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने जीवन को फिर से संवारा।
Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025
- विभाजन का दर्द और देश की प्रगति
- प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
- देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता : pm मोदी
नई दिल्ली: Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas 2025, आजादी से एक दिन पहले हुए भारत के विभाजन और उस दौरान मारे गए व विस्थापित लाखों लोगों की स्मृति में भारतीय जनता पार्टी 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ (Vibhajan Vibhishika Smriti Diwas) के रूप में मना रही है। इस दिन उन अनगिनत पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी जाती है, जिन्होंने विभाजन की भयावहता झेली और कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपने जीवन को फिर से संवारा। इतिहास में इसे मानव जाति के सबसे बड़े विस्थापनों में से एक माना जाता है, जिसमें लगभग 2 करोड़ लोग प्रभावित हुए और लाखों परिवारों को अपने पैतृक स्थानों को छोड़ना पड़ा।
विभाजन का दर्द और देश की प्रगति
Partition Horrors Remembrance Day: 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली, लेकिन इसी के साथ देश को विभाजन का गहरा घाव भी झेलना पड़ा। स्वतंत्रता दिवस का अवसर जहां खुशी और गर्व का प्रतीक है, वहीं विभाजन की त्रासदी लाखों भारतीयों की पीड़ा और बलिदान की याद दिलाती है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र और तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, लेकिन विभाजन का दर्द इतिहास के पन्नों में अमिट है।
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था, “देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा के कारण लाखों बहनों-भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और कई ने अपनी जान गंवा दी। उनके संघर्ष और बलिदान की स्मृति में ही 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ मनाने का निर्णय लिया गया है। यह दिन हमें भेदभाव और दुर्भावना को समाप्त कर एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाओं को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।”
जेपी नड्डा का वक्तव्य
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने कहा, “विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 1947 की उस क्रूर घटना की याद दिलाता है, जब राजनीतिक स्वार्थ के लिए हमारे महान राष्ट्र को बांट दिया गया। इस दौरान करोड़ों लोगों ने पलायन का दर्द, घर-बार और संपत्ति से वंचित होने की पीड़ा, और अपनों को खोने का आघात सहा। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इस दिवस का आयोजन हमें उन काले अध्यायों की याद दिलाता है और देश को अखंड, शक्तिशाली और महान बनाने की दिशा में प्रेरित करता है।”
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