Autistic Pride Day 2023: क्या है ऑटिस्टिक प्राइड डे, जानें इसकी हिस्ट्री और इंपोर्टेंस

Autistic Pride Day 2023: क्या है ऑटिस्टिक प्राइड डे, जानें इसकी हिस्ट्री और इंपोर्टेंस! What is Autistic Pride Day

Autistic Pride Day 2023: क्या है ऑटिस्टिक प्राइड डे, जानें इसकी हिस्ट्री और इंपोर्टेंस
Modified Date: June 18, 2023 / 10:13 am IST
Published Date: June 18, 2023 10:13 am IST

नई दिल्ली। Autistic Pride Day 2023 ऑटिज्म एक ऐसी बीमारी है, जो बच्चे में जन्म से ही होती है। यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जिसमें बच्चे की सोचने, समझने, बोलने की क्षमता सामान्य बच्चों से कम होती है। दुनियाभर में ऑटिज्म के बढ़ते केसों को देखते हुए और इस बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल 18 जून को दुनिया भर में ऑटिस्टिक प्राइड डे मनाया जाता है।

Read More: सोनाली राउत का Sexy Video वायरल, टॉपलेस होकर पूल के किनारे करवाया सिजलिंग फोटोशूट 

ऑटिज्म के प्रकार

Autistic Pride Day 2023 अस्पेर्गेर सिंड्रोम को ऑटिस्टिक डिसऑडर का सबसे हल्का रूप माना जाता है। इसमें पीड़ित को बहुत कम सोशल और बिहेवियरयल समस्याएं होती हैं। उनकी इंटेलिजेंस क्षमता औसत से ज्यादा होती है। कुछ खास विषयों में इनकी रूचि बहुत अधिक हो सकती है। उनमें संज्ञात्मक विकास और लैंग्वेज स्किल्स सीखने में कम ही परेशानी का सामना करना पड़ता है।

 ⁠

Read More: तूफान बिपरजॉय का प्रदेश में दिखेगा असर, मालवा निमाड़ के 12 जिलों में बारिश की चेतावनी 

परवेसिव डेवलपमेंट डिसऑर्डर

परवेसिव डेवलपमेंट डिसऑर्डर सबसे सामान्य प्रकार का ऑटिज्म है। इसमें ऑटिज्म के लक्षण अपेक्षाकृत हल्के किस्म के होते हैं। पर्वेसिव डेवलपमेंट डिसॉर्डर से पीड़ित को सोशल इंटरएक्शन और कम्यूनिकेशन में कुछ कठिनाई होती है लेकिन इनमें ऑटिज्म के गंभीर लक्षण नहीं दिखते हैं।

Read More: Alia Bhatt in Hollywood: हॉलीवुड फिल्मों में आलिया भट्ट की एंट्री, ‘Heart of Stone’ में आएंगी नजर

ऑटिस्टिक डिसऑर्डर या क्लासिक ऑटिज्म

ऑटिस्टिक डिसऑर्डर को क्लासिक ऑटिज्म भी कहते हैं। इसमें ऑटिज्म के अन्य प्रकारों की तुलना में गंभीर लक्षण नजर आते हैं। इस डिसऑर्डर से प्रभावितों को सामाजिक व्यवहार में और अन्य लोगों से बातचीत करने में ज्यादा कठिनाई होती है। साथ ही असामान्य चीजों में रूचि, असामान्य व्यवहार, बोलते समय अटकना, हकलाना या रुक रुककर बोलने जैसी आदतें भी ऑटिस्टिक डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में बौद्धिक क्षमता में भी कमी देखी जाती है।

Read More: India News Today Live 18 June: ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, एक हफ्ते पहले हो रहा प्रसारण 

रैट्स सिंड्रोम

रैट्स सिंड्रोम ज्यादातर लड़कियों में नजर आता है। इस तरह के ऑटिज्म से प्रभावित लोगों के दिमाग का आकार छोटा होता है, उन्हें चलने में परेशानी आती है और शरीर का विकास असंतुलित ढंग से होता है। उनके हाथों के टेढ़े होने, सांस लेने में दिक्कत और मिर्गी की परेशानी भी होती है।

IBC24 की अन्य बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


लेखक के बारे में

IBC24 डिजिटल में कंटेंट राइटर के रूप में कार्यरत हूं, जहां मेरी जिम्मेदारी मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की राजनीति सहित प्रमुख विषयों की खबरों की कवरेज और प्रस्तुति है। वर्ष 2016 से डिजिटल पत्रकारिता में सक्रिय हूं और अब तक 8 वर्षों का अनुभव प्राप्त किया है। विभिन्न प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में कार्य करते हुए न्यूज़ राइटिंग और डिजिटल टूल्स में दक्षता हासिल की है। मेरे लिए पत्रकारिता सिर्फ पेशा नहीं, बल्कि जिम्मेदारी है—सटीक, तेज और असरदार जानकारी पाठकों तक पहुंचाना मेरा लक्ष्य है। बदलते डिजिटल दौर में खुद को लगातार अपडेट कर, कंटेंट की गुणवत्ता बेहतर करने के लिए प्रतिबद्ध हूं।