एक गिलास शराब भी बढ़ा सकती है इस गंभीर बीमारी का खतरा! बिल्कुल भी न करें नजर अंदाज, तुरंत दें ध्यान…
wine can increase the risk of this serious disease हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है
wine can increase the risk of this serious disease
wine can increase the risk of this serious disease : शराब को सेहत के लिए सही नहीं माना जाता लेकिन फिर भी कुछ लोग रोजाना शराब पीते हैं तो कुछ कभी-कभार। हाल ही में हुई एक स्टडी में इस बात का खुलासा किया गया है कि जो लोग रोजाना कम से कम एक ड्रिंक का भी सेवन करते हैं, उनका ब्लड प्रेशर तेजी से बढ़ता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, हाई ब्लड प्रेशर की समस्या का सामना उन युवकों को भी करना पड़ता है जिन्हें पहले से हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत नहीं है।
बढ़ सकती है ये बीमारी
इस रिसर्च को अमेरिकन एसोसिएशन जर्नल हाइपरटेंशन में प्रकाशित किया गया था। साल 1997 से लेकर 2021 तक 7 इंटरनेशनल स्टडीज के डाटा में पाया गया कि जो लोग रोजाना सिर्फ एक गिलास शराब का सेवन करते हैं उनमें कभी-कभी शराब का सेवन करने वाले लोगों की तुलना में ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा काफी ज्यादा होता है।
डाटा देखकर हैरान हुए एक्सपर्ट
रिसर्च से जुड़े सीनियर राइटर डॉ. मारको विसिटी ने कहा कि हमें यह जानकार काफी हैरानी हुई कि बहुत कम मात्रा में शराब पीने वाले युवकों में ब्लड प्रेशर का लेवल ज्यादा था। हालांकि इन लोगों का ब्लड प्रेशर बहुत अधिक मात्रा में शराब पीने वाले लोगों की तुलना में काफी कम था।
ब्लड प्रेशर को मरकरी के मिलीमीटर (mm Hg) की दो संख्याओं में मापा जाता है। ऊपर वाले नंबर को (सिस्टोलिक) कहा जाता है, जो दिल की मांसपेशियों के सिकुड़ने और ब्लड पंप को मापता है। वहीं, नीचे वाले नंबर को डायस्टोलिक कहा जाता है जो हार्ट बीट के बीच में दबाव को मापता है।
wine can increase the risk of this serious disease : स्टडी में पाया गया कि सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर पर शराब का नकारात्मक उन पुरुषों और महिलाओं पर भी पड़ रहा है जो हर दिन बेहद की कम मात्रा में शराब का सेवन करते हैं। आउटलेट ने स्टडी के को-राइटर डॉ. पॉल व्हेल्टन के हवाले से कहा, “सिस्टोलिक और डायस्टोलिक दोनों रीडिंग कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ाती हैं लेकिन दोनों में से युवकों में सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर का खतरा सबसे ज्यादा होता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, सिस्टोलिक रीडिंग 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कार्डियोवैस्कुलर रिस्क को दर्शाता है।
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