World AIDS Day 2025: क्यों याद रखा जाता है 1 दिसंबर? वर्ल्ड एड्स डे का इतिहास और इस साल की थीम, जो पूरी दुनिया को कर रही है हैरान!

हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य एचआईवी/एड्स के बारे में जागरूकता फैलाना, संक्रमित लोगों का समर्थन करना और इस बीमारी से जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देना है।

World AIDS Day 2025: क्यों याद रखा जाता है 1 दिसंबर? वर्ल्ड एड्स डे का इतिहास और इस साल की थीम, जो पूरी दुनिया को कर रही है हैरान!

(World AIDS Day 2025/ Image Credit: IBC24 News Customize)

Modified Date: December 1, 2025 / 01:33 pm IST
Published Date: December 1, 2025 1:32 pm IST
HIGHLIGHTS
  • विश्व एड्स दिवस: हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है।
  • उद्देश्य: एचआईवी/एड्स जागरूकता, समर्थन और श्रद्धांजलि।
  • एड्स: HIV वायरस के कारण इम्यून सिस्टम कमजोर होता है।

World AIDS Day 2025: हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य एचआईवी/ए़ड्स के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संक्रमित लोगों का समर्थन करना और इस बीमारी से अपनी जान गंवाने वालों को याद करना है। यह दिन दुनियाभर में पिछले 37 सालों से मनाया जा रहा है?

एड्स क्या है?

एड्स एक गंभीर और लाइलाज बीमारी है, जिसे रोकने का सबसे प्रभावी तरीका जागरूकता है। यह बीमारी HIV (ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस) के कारण होती है। यह वायरस इम्यून सिस्टम को कमजोर कर देता है और शरीर की CD4 सेल्स को नष्ट करता है। समय के साथ यह संक्रमण एड्स में बदल जाता है।

विश्व एड्स दिवस का इतिहास

विश्व एड्स दिवस की शुरुआत साल 1987 में हुई थी। WHO के पब्लिक इनफार्मेशन ऑफिसर जेम्स डब्ल्यू. बन और थॉमस नेटर ने इसे पहली बार मनाने की पहल की थी। पहली विश्व एड्स दिवस 1 दिसंबर 1988 को मनाया गया। शुरुआत में WHO इसे आयोजित करता था, लेकिन 1997 में UNAIDS ने World AIDS Campaign शुरू की और तब से हर साल 1 दिसंबर को यह दिन मनाया जाता है।

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क्यों है यह दिन जरूरी

हालांकि आज जागरूकता बढ़ी है, फिर भी एचआईवी/एड्स से जुड़ा भेदभाव और गलतफहमियां अभी भी मौजूद हैं। इस दिन के अभियान लोगों को संक्रमण, रोकथाम और सुरक्षित व्यवहार के बारे में सही जानकारी देने में मदद करते हैं। यह दिन समाज में समझ और समर्थन बढ़ाने के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

विश्व एड्स दिवस 2025 की थीम

इस साल की थीम है- ‘Overcoming disruption, transforming the AIDS response’ इसका मतलब है- ‘बाधाओं को पार कर, एड्स प्रतिक्रिया में बदलाव।’ इसका संदेश यह है कि एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई को नई दिशा देने के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को बिना रुकावट मजबूत करना होगा यानी कि इलाज, रोकथाम और जागरूकता कार्यक्रमों को निरंतर जारी रखने के लिए समुदाय, सरकार और संगठनों को बेहतर तालमेल बनाना होगा।

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लेखक के बारे में

मैं 2018 से पत्रकारिता में सक्रिय हूँ। हिंदी साहित्य में मास्टर डिग्री के साथ, मैंने सरकारी विभागों में काम करने का भी अनुभव प्राप्त किया है, जिसमें एक साल के लिए कमिश्नर कार्यालय में कार्य शामिल है। पिछले 7 वर्षों से मैं लगातार एंटरटेनमेंट, टेक्नोलॉजी, बिजनेस और करियर बीट में लेखन और रिपोर्टिंग कर रहा हूँ।