SarkarOnIBC24: 'बोरे-बासी' में लगा सियासी तड़का..सम्मान Vs अपमान! बोरे बासी अभियान के जरिए कांग्रेस ने किया भ्रष्टाचार, बीजेपी ने साधा निशाना | Lok Sabha Chunav 2024

SarkarOnIBC24: ‘बोरे-बासी’ में लगा सियासी तड़का..सम्मान Vs अपमान! बोरे बासी अभियान के जरिए कांग्रेस ने किया भ्रष्टाचार, बीजेपी ने साधा निशाना

Lok Sabha Chunav 2024: 'बोरे-बासी' में लगा सियासी तड़का..सम्मान Vs अपमान! बोरे बासी अभियान के जरिए कांग्रेस ने किया भ्रष्टाचार, बीजेपी ने साधा निशाना

Edited By :   Modified Date:  May 1, 2024 / 12:00 AM IST, Published Date : May 1, 2024/12:00 am IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में एक तरफ आरक्षण और हिंदू मुसलमान जैसे मुद्दों घमासान मचा हुआ है। तो दूसरी तरफ मजदूर दिवस के लिए मनाए जाने वाले बोरे-बासी तिहार पर भी सियासी बयानबाजी तेज हो चली है। कांग्रेस नेता जहां प्रदेश की जनता से तिहार मनाने की अपील कर रहे, तो बीजेपी कह रही कि कांग्रेस ने बोरे बासी अभियान में जरिए सिर्फ भ्रष्टाचार किया। हकीकत में बोरे-बासी हमारा परंपरागत खाना है। जिसे लेकर दिखावा करने की जरूरत नहीं।

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1 मई यानी मजदूर दिवस इस दिन छत्तीसगढ़ में बोरे-बासी तिहार मनाने की शुरुआत की थी पिछली कांग्रेस सरकार ने कांग्रेस जब तक सरकार में रही, बोरे-बासी तिहार को धूमधाम से मनाया। अब जब कांग्रेस सत्ता से बाहर है तो भी कांग्रेसी सोशल मीडिया में पोस्ट कर बोरे बासी तिहार मनाने की अपील कर रहे हैं। साथ ही कांग्रेसी ये बताना भी नहीं भूले कि उनकी सरकार ने कैसे छत्तीसगढ़िया संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम किया।

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एक ओर कांग्रेसी बोरे बासी तिहार मनाने की अपील कर रहे हैं तो साय सरकार पर ऐसे आयोजनों को बंद करने का आरोप भी लगा रहे तो दूसरी तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी का कहना है कि बोरेबासी हमारा परंपरागत खाना है। हमारी सरकार दिखावा नहीं करती। पिछली कांग्रेस सरकार ने बोरे बासी और छत्तीसगढ़ संस्कृति का अपमान किया था। कांटा चम्मच में बासी खाकर गरीबों का अपमान किया। कांग्रेस सरकार ने बोरे-बासी इवेंट का आयोजन कर आम जनता के पैसे भी खाए।

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यूं तो छत्तीसगढ़ के लोग गर्मी में अक्सर बोरे-बासी खाते हैं। लेकिन पिछली सरकार ने इसे प्रदेश की संस्कृति और अस्मिता से जोड़ते हुए इसे तिहार के रुप में मनाने की शुरुआत की थी। जिसे भाजपा ने मनाने से इंकार कर दिया है। अब कांग्रेस की अपील का लोगों पर कितना असर होता है। ये तो एक मई को ही पता चलेगा। लेकिन बोरे-बासी पर सियासी तड़के ने एक बार फिर इसे लेकर नई बहस छेड़ दी है।

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