भोपाल: Lok Sabha Election 2024 लोकसभा चुनाव के पहले सियासत द्वापर युग में पहुंच गई है। नेताओं के संवाद में पांडव और कौरव आ चुके हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भोपाल में ये कहकर नई बहस छेड़ दी है कि इस बार भाजपाई पांडव और घमंडिया कौरवों में लड़ाई है और अब अमित शाह के इसी बयान से मध्यप्रदेश की सियासत में महाभारत छिड़ गई है। कांग्रेस पार्टी, बीजेपी पर हमलावर हो गई है।
Lok Sabha Election 2024 कलियुग में अब द्वापर युग वाले किरदार सियासत में इस्तेमाल किए जा रहे हैं। चुनावी रण में पांडव और कौरव फिर जी उठे हैं। भोपाल में गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा चुनाव के मैदान में विरोधी खेमे को कौरव कह दिया और अमित शाह ने फिर से परिवारवाद का मुद्दा उठाकर विपक्ष को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
अमित शाह के पांडव कौरव वाले बयान पर महाभारत छिड़ गई है। कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए कहा कि अगर EVM के साथ छेड़छाड़ नहीं हुई होती तो जनता बता देगी कि कौन पांडव है और कौन कौरव है। जबकि बीजेपी अमित शाह के बयान के साथ खड़ी है।
2023 के चुनाव से पहले इसी भोपाल में पीएम मोदी ने परिवारवाद को लेकर पूरे विपक्ष और उनके गठबंधन इंडिया को कटघरे में खड़ा किया था और जनता को ये बताने की कोशिश की थी कि विपक्ष को केवल अपने परिवार की चिंता है। 2023 में विधानसभा चुनाव के नतीजे किसी से छिपे नहीं है और बीजेपी को लगता है कि परिवारवाद के मुद्दे को फिर से उठाकर 2024 मे भी लीड ली जा सकती है।