Rahul Gandhi
Rahul Gandhi will not contest elections from Wayanad seat! : रांची। देश में इस समय लोकसभा चुनाव 2024 का माहौल बना हुआ है। एनडीए और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ सीट बंटवारे को लेकर मंथन जारी है। राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के जरिए कांग्रेस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं लेकिन दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता पार्टी छोड़ते जा रहे है। ये हाल सिर्फ कांग्रेस का नहीं है बल्कि ‘इंडिया’ गठबंधन के कई नेताओं का है। कांग्रेस को मजबूती मिले या नहीं लेकिन बीजेपी को इसका फायदा जरूर मिल रहा है। अब राहुल गांधी के सामने बड़ी चुनौति सामने आ गई है। ऐसे में माना ये जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी वायनाड सीट से चुनाव न लड़कर अन्य दूसरी दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा में राहुल गांधी को लोगों का भरपूर प्यार मिल रहा है लेकिन बात ये है कि ये प्यार क्या राहुल गांधी को लोकसभा चुनाव जीतने में मदद करेगा? सूत्रों के अनुसार, राहुल गांधी वायनाड सीट छोड़कर लोकसभा चुनाव में अन्य किसी दो सीटों पर अपनी दावेदारी ठोक सकते हैं। हालांकि ऐसा माना जा रहा है कि तेलंगाना विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली प्रचंड जीत के बाद अब राहुल गांधी तेलंगाना की किसी एक सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। तो वहीं दूसरी ओर यूपी की किसी एक सीट पर अपनी ताल ठोक सकते हैं।
बता दें कि लोकसभा चुनाव 2019 में राहुल गांधी अमेठी से चुनाव लड़े थे लेकिन बीजेपी की स्मृति ईरानी ने बुरी तरह हरा दिया था। अमेठी से स्मृति ईरानी करीब 55 हजार मतों से विजयी हुई थी। राहुल गांधी को लेकर यह खबर ऐसे समय सामने आई है, जब केरल में सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (LDF) में शामिल भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए 4 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है। भाकपा, एलडीएफ का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है।
भाकपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद पन्नियन रवींद्रन को तिरुवनंतपुरम से टिकट दिया गया है। इस सीट का प्रतिनिधित्व अभी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर कर रहे हैं। भाकपा ने पूर्व कृषि मंत्री वी एस सुनिल कुमार और पार्टी की युवा इकाई ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के नेता सी ए अरुणकुमार को क्रमश: त्रिशूर और मवेलीक्कारा से उम्मीदवार बनाया है।