#SarkarOnIBC24 : 24 की लड़ाई.. विरोधियों को साथ लाई! कई जगहों पर इंडी गठबंधन के दल भी आमने-सामने, क्या इससे कांग्रेस को होगा नुकसान?
24 की लड़ाई.. विरोधियों को साथ लाई! कई जगहों पर इंडी गठबंधन के दल भी आमने-सामने, Indi alliance parties also face each other at many places
रायपुरः राजनीति में अक्सर ये बात कही जाती है कि यहां ना कोई किसी का स्थायी दोस्त है और ना स्थायी दुश्मन। सियासी नफा-नुकसान का गणित बिठाकर पार्टियां अक्सर ऐसे गठबंधन बनाती आई हैं, जो बेमेल नजर आते हैं और इसे लेकर उनमें विचारधारा का टकराव भी दिखाई देता है। बीजेपी के खिलाफ बने इंडिया गठबंधन के साथ भी कुछ ऐसी ही विडंबना है। कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन की पार्टियों को इससे आए दिन जूझना पड़ रहा है।
बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस इंडिया अलायंस का हिस्सा तो बन गई, लेकिन सहयोगी पार्टियों के साथ उसके टकराव आए दिन सामने आने लगे हैं। कांग्रेस दिल्ली और हरियाणा में आप के साथ गठबंधन बनाकर चुनाव लड़ रही है, लेकिन पंजाब में दोनों पार्टियां आमने-सामने हैं। पीएम मोदी इसे लेकर कांग्रेस पर हमलावर हैं उन्होंने अंबाला में चुनावी रैली के दौरान कांग्रेस पर इसी विरोधाभास के चलते तंज कसा। दूसरी ओर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बीजेपी को हराने के लिए इस फैसले को जायज ठहरा रहे हैं।
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पश्चिम बंगाल में भी है विडंबना
कांग्रेस के साथ ऐसा ही विडंबना पश्चिम बंगाल में भी है, जहां TMC प्रमुख ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है, लेकिन वहां कांग्रेस और TMC एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। दूसरी ओर ममता ने इंडिया अलायंस के सत्ता में आने पर बाहर से समर्थन की बात कहकर पिछले दिनों खलबली मचा दी थी। कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने ममता पर इसे लेकर तंज कस दिया था। जिससे ये संकेत मिला था.. कि इंडिया अलायंस में कुछ ठीक नहीं चल रहा। हालांकि खरगे ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये साफ कर दिया कि ममता इंडिया अलायंस के साथ हैं और अधीर रंजन नहीं बल्कि कांग्रेस आलाकमान जो तय करेगा वही होगा।
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इसलिए इंडिया अलायंस का हिस्सा बनी कांग्रेस
कांग्रेस ये बात अच्छी तरह जानती है कि वो अपने दम पर लोकसभा में बहुमत हासिल करने की स्थिति में हैं। इसी के चलते वो विपक्षी पार्टियों के साथ इंडिया अलायंस का हिस्सा बनी है। कभी देश पर एकछत्र राज करने वाली कांग्रेस की अपने सहयोगियों के साथ कहीं पटरी बैठ रही तो कहीं टकराव है। अब ये देखना होगा की कांग्रेस को चुनाव में इसका कितना नुकसान होता है और बीजेपी इसे अपने पक्ष में कितना भुना पाती है।

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