ग्वालियर: MP Lok Sabha Chunav 2024 ग्वालियर-चंबल अंचल की सबसे हाईप्रोफाइल गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट जहां से बीजेपी प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पूरे राजसी अंदाज में अपना नामांकन दाखिल कर दिया। सिंधिया सैकड़ों कारों के काफिले और रोड के साथ नामांकन दाखिल करने पहुंचे। सिंधिया इस दौरान अकेले नहीं थे। बल्कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ सैकड़ों बीजेपी कार्यकर्ता उनके साथ नजर आए।
MP Lok Sabha Chunav 2024 24 के रण में ये सियासी अंदाज है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का गुना-शिवपुरी जहां से ज्योतिरादित्य सिंधिया साल 2002 से चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन इस बार पहली दफा बीजेपी के टिकट पर चुनावी मैदान में है। यूं तो 2024 का पूरा चुनाव मोदी के चेहरे और गांरटी पर लड़ा जा रहा है। लेकिन गुना-शिवपुरी में मामला थोड़ा अलग है। यहां यूं तो बीजेपी के उम्मीदवार के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया मैदान में हैं। लेकिन दांव पर लगी है। पूरी ग्वालियर राजघराने की साख जिसका इतिहास बरसों पुराना है। जिसके लिए सिंधिया ने अब पूरी तरह से कमर कस ली है।
गुना में सुबह 9:30 बजे सिंधिया टेकरी सरकार के मंदिर पहुंचे जहां उन्होंने पूरे विधि-विधान के साथ पूजा कर भगवान हनुमान का आशीर्वाद लिया। फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने रोड शो करते हुए शिवपुरी पहुंचे। हजारों कार्यकर्ता उनके साथ मौजूद रहे। सिंधिया अभिवादन स्वीकार करते रहे। फिर शिवपुरी में सीएम डॉ मोहन यादव, पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान और वीडी शर्मा की मौजूदगी में सिंधिया ने अपना नामांकन दाखिल किया।
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इसके बाद बारी थी सिंधिया के शक्ति प्रदर्शन की। सिंधिया ने एक विशाल जनसभा को संबोधित किया। इसमें सीएम मोहन यादव के साथ पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा उनके साथ मंच पर मौजूद रहे और सिंधिया की प्रचंड जीत का दावा किया और इसके बाद बारी थी। सिंधिया ने मंच पर मौजूद दिग्गजों और कार्यकर्ताओं का अपने ही जुदा अंदाज में अभिवादन स्वीकार किया और जीत की हुंकार भी भरी।
सिंधिया पहली बाद बीजेपी के टिकट पर कोई लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। दरअसल साल 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया गुना से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव हार गए थे। फिर कमलनाथ के साथ उनकी सियासी पटरी नहीं बैठ पाई। 2020 में सिंधिया ने कांग्रेस बगावत की। बरसों पुराना कांग्रेस का साथ छोड़ा। एमपी में कमलनाथ की सरकार गिरा दी। बीजेपी में शामिल हुए। राज्यसभा के लिए चुने गए…फिर मोदी सरकार में मंत्री बने। लेकिन अब बैकडोर से नहीं बल्कि मेनडोर यानी लोकसभा से संसद में एंट्री की तैयारी हो गई है और प्रचार, रोड शो और जनसभा की इंटेनसिंटी देखकर लगता है कि गुना -शिवपुरी में सवाल बीजेपी की जीत हार से ज्यादा सिंधिया के भविष्य का है।