राम मंदिर को लेकर शाह का कांग्रेस पर हमला, मतदाताओं से दिग्विजय को भव्य विदाई देने को कहा

राम मंदिर को लेकर शाह का कांग्रेस पर हमला, मतदाताओं से दिग्विजय को भव्य विदाई देने को कहा

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  • Publish Date - April 26, 2024 / 07:30 PM IST,
    Updated On - April 26, 2024 / 07:30 PM IST

राजगढ़ (मध्य प्रदेश), 26 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होने के लिए शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं राहुल गांधी तथा दिग्विजय सिंह की आलोचना की और कहा कि उनका यह कदम पूरी तरह वोट-बैंक की राजनीति से प्रेरित था।

भाजपा नेता ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस ने लगभग 70 वर्ष तक अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की उपेक्षा की और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे वास्तविकता बनाकर 22 जनवरी को रामलला की मूर्ति के अभिषेक का मार्ग प्रशस्त किया।

राजगढ़ लोकसभा सीट के तहत आने वाले खिलचीपुर में चुनाव प्रचार करते हुए शाह ने कांग्रेस उम्मीदवार और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री प्रमुख दिग्विजय सिंह पर कटाक्ष करते हुए मतदाताओं से उनके राजनीतिक करियर को ‘भव्य विदाई’ देने के लिए कहा।

शाह ने सिंह पर कटाक्ष करने के लिए उर्दू का शेर ‘आशिक का जनाज़ा है, ज़रा धूम से निकले’ लोगों का सुनाया।

सिंह राजगढ़ से भाजपा के मौजूदा सांसद रोडमल नागर के खिलाफ कांग्रेस के प्रत्याशी हैं।

उन्होंने कहा, ‘क्या आप जानते हैं कि शहजादे राहुल गांधी और दिग्गी राजा (दिग्विजय सिंह) अयोध्या में रामलला की मूर्ति के अभिषेक में क्यों शामिल नहीं हुए? क्योंकि वे अपने वोट-बैंक से डरते हैं और इसलिए, उन्हें कभी माफ नहीं किया जाना चाहिए।’

शाह ने कांग्रेस पर जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को लंबे समय तक जारी रखने का आरोप लगाया और कहा कि इसके कारण राज्य में आतंकवाद पनपा तथा लोग राष्ट्रीय तिरंगा भी नहीं फहरा पा रहे थे।

गृह मंत्री ने बताया कि मोदी सरकार ने पांच अगस्त, 2019 को न केवल विवादास्पद संवैधानिक प्रावधान को निरस्त कर दिया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि देश का मस्तक (जम्मू-कश्मीर) ऊंचा रहे।

शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करके आतंकवाद को खत्म कर दिया।

भाजपा के स्टार प्रचारक ने दावा किया कि सिंह की सलाह पर राहुल गांधी ने कांग्रेस के घोषणापत्र में एक वादा शामिल किया कि अगर पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार केंद्र में सत्ता में आई तो वह ‘देश में पर्सनल लॉ लागू करेगी।’

शाह ने लोगों से पूछा कि क्या 2019 में मोदी सरकार द्वारा प्रतिबंधित तत्काल तीन तलाक जैसी विवादास्पद प्रथाओं को फिर से शुरू किया जाना चाहिए।

उन्होंने भगवा रंग को आतंकवाद से जोड़ने के लिए सिंह की आलोचना की।

केंद्रीय गृह मंत्री ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा, “बंटाधार से कहो, हम आपको राजगढ़ को बीमारू जिला नहीं बनाने देंगे।”

‘बंटाधार’ शब्द का इस्तेमाल भाजपा सिंह पर आरोप लगाने के लिए करती है। भाजपा कहती है कि 1993 से 2003 के बीच मुख्यमंत्री के रूप में उनके 10 साल के शासनकाल में विकास कायों पर लगाम लग गई थी।

शाह ने सभा में कहा, ‘उन्हें राजनीति से स्थायी विदाई देने का समय आ गया है। लेकिन मेरा एक अनुरोध है। आशिक का जनाजा है, जरा धूम से निकले। उन्हें भारी अंतर से हराएं और घर बिठाएं।’

शाह ने कहा, “सिंह ने ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे शब्द गढ़े, पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद का जिक्र करते हुए ‘साहेब’ शब्द का इस्तेमाल किया, जाकिर नाइक (युवाओं को बरगलाने का आरोपी इस्लामी टेलीविजन प्रचारक) को गले लगाया, संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के साथ-साथ पीएफआई पर प्रतिबंध का विरोध किया।”

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में राजगढ़ समेत आठ अन्य लोकसभा सीटों पर सात मई को मतदान होगा।

भाषा दिमो जोहेब

जोहेब