जबलपुर। 27% OBC reservation IN MP : 27 प्रतिशत OBC आरक्षण मामले को लेकर HC ने अहम फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश में बदलाव करने से इंकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने OBC आरक्षण मामले पर नया अंतरिम आदेश देने से इंकार करते हुए कहा कि वो याचिकाओं पर सीधे अंतिम फैसला सुनाएगी। वहीं 27% OBC आरक्षण पर अंतरिम रोक जारी रहेगी।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<
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बता दें कि राज्य सरकार ने अंतरिम आदेश में संशोधन की मांग रखी थी। अब मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। राज्य सरकार का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा स्थगन आदेश हटाने या अंतरिम आदेश देने की मांग को चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक ने खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि ढाई साल से मामला चल रहा है। अब प्रकरण आखिरी दौर में है। इतना आगे बढ़ने के बाद कोर्ट स्टे हटाने या अंतरिम आदेश जारी नहीं करेगी। पूरी सुनवाई के बाद ही अंतिम फैसला सुनाएगी।
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हाईकोर्ट में 1 सितंबर बुधवार को फाइनल हियरिंग शुरू हुई। राज्य सरकार ने सभी स्टे ऑर्डर हटाने का अंतरिम आवेदन लगाया था। इस सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और महाधिवक्ता पुरुषेंद्र कौरव पक्ष रख रहे थे। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक की अध्यक्षता वाली डबल बेंच में मामले की लंबी बहस चली।
सामाजिक-आर्थिक और पिछड़ेपन का दिया हवाला
सरकार की ओर से कहा किया गया एमपी में 50 % से अधिक ओबीसी की आबादी है। इनके सामाजिक, आर्थिक और पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 27% आरक्षण जरूरी है। ये भी हवाला दिया कि 1994 में इंदिरा साहनी केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने विशेष परिस्थितियों में 50% से अधिक आरक्षण देने का प्रावधान रखा है।
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