Religious Conversion: 152 लोगों की हुई घर वापसी , इस लालच में आकर किया था धर्म परिवर्तन

Religious Conversion लालच देकर किया जाता है धर्म परिवर्तन, मप्र और महाराष्ट्र के 152 लोगों की हुई घर वापसी

Religious Conversion: 152 लोगों की हुई घर वापसी , इस लालच में आकर किया था धर्म परिवर्तन

Religious Conversion

Modified Date: December 23, 2023 / 03:11 pm IST
Published Date: December 23, 2023 3:11 pm IST

Religious Conversion: बैतूल। मध्य प्रदेश के बैतूल और महाराष्ट्र के अमरावती जिले की बॉर्डर से लगे दोनों जिले के दर्जनों गांव के सैकड़ो की तादाद में दलित,आदिवासियों ने ईसाई धर्म छोड़ कर घर वापसी की है। सावलमेंढा के रामदेव बाबा संस्थान में दोनों जिलों के 152 लोगों ने हिंदू रीति रिवाज के साथ घर वापसी की है। इन लोगों के हाथ में कलावा बांधकर गंगा जल पिलाकर और पैर पखार कर हिंदू धर्म में घर वापसी करवाई गई है। इन लोगों को बहला फुसला कर ईसाई मिशनरियों द्वारा अपना शिकार बनाने का आरोप है।

Religious Conversion: दावा है कि लालच की वजह से इन लोगों ने अपना धर्म परिवर्तन किया था। अब यह लोग अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। वही अपनी समाज और रिश्तेदारों से भी दूर होते जा रहे थे। लिहाजा इन्होंने वापस हिंदू धर्म में घर वापसी का फैसला किया है। बीते दो दिनों में मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के 152 लोगों ने बकायदा हिंदू रीति रिवाज से घर वापसी की है। इस क्षेत्र के ग्रामीणों की माने तो मिशनरी के प्रमोटर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे गरीब और जरूरतमंद लोगों को बाकायदा एक षड्यंत्र के साथ बहला फुसलाकर धर्म परिवर्तन करने के लिए राजी कर लेते हैं।

Religious Conversion: धर्म परिवर्तन करने के लिए मकान,पैसे,नौकरी और बीमारी ठीक करने के वादे किए जाते है। बैतूल और अमरावती जिले के दर्जनों गांव में कई परिवार ईसाई मिशनरियों के प्रमोटरों के षड्यंत्र में फंस चुके हैं। जो लोग अपना धर्म परिवर्तन करवा लेते हैं उन्हें ग्रामीणों द्वारा सामाजिक रूप से अलग कर दिया जाता है। उनके किसी भी कार्यक्रम में ग्रामीण सम्मिलित नहीं होते हैं वही शादी विवाह में भी इन लोगों के साथ संबंध नहीं रखते हैं।

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Religious Conversion: जो वादा मिशनरी के प्रमोटर इन भोले भाले लोगों को देते हैं वह धर्म परिवर्तन करने के बाद पूरा नहीं होता है। जिससे ग्रामीणों के सामने वापस अपने धर्म में आने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचता है। वही ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन्हें मानसिक रूप से तैयार करने में क्षेत्र के कुछ लोग लगातार काम कर रहे हैं। उन्हीं लोगों की समझाइश के बाद बड़ी संख्या में लोग अब घर वापसी करने लगे हैं और हिंदू धर्म रीति रिवाज अपनाने लगे हैं।

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