प्रदेश में उभर रहा थर्ड फ्रंट, सभी सीटों पर मजबूती से लड़ने का किया ऐलान
AAP decide to fight VS election: मध्य प्रदेश में उभर रहा थर्ड फ्रंट, सभी सीटों पर मजबूती से लड़ने का किया ऐलान
MP monsoon session 2023
AAP decide to fight VS election: भोपाल। दिल्ली के बाद पंजाब में सरकार बनाने वाली आम आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश पर अपना पूरा फोकस कर लिया है। आप ने प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके बाद से ही पार्टी संगठन विस्तार पर जोर दे रही है। चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस को चुनौती देने के लिए आप ने दोनों पार्टियों के उपेक्षित नेताओं को अपनाने की तैयारी कर ली है। आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस के नाराज और हताश नेताओं को आप में लाकर उन्हें चुनौती के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा। यह इस बात का संकेत है कि आप भले ही सरकार न बना पाए, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस का चुनावी खेल जरूर बिगाड़ देगी।
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आप हुई सक्रिय
AAP decide to fight VS election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों में अब महज 13 महीने का समय बचा है। ऐसे में जहां राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारी तेज कर दी है वहीं, टिकट के दावेदारों ने भी अभी से चुनावी मैदान में ताल ठोकनी शुरू कर दी है। वे अभी से क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। इन दोनों दलों के साथ पहली बार आम आदमी पार्टी भी सक्रिय दिखाई दे रही है। कुछ दिन पहले ही राजधानी में उसने पार्टी की बड़ी बैठक कर प्रदेश की सभी विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को ऐलान कर दिया है। हाल ही में हुए नगरीय निकाय चुनावों में सिंगरौली में मेयर और प्रदेश के कई जिलों में करीब 60 पार्षद जीतने से आप बेहद उत्साहित है और प्रदेश में अब अपनी राजनीतिक जमीन का मजबूत करने में जुट गई है।
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ननि चुनाव में रहा बेहतरीन प्रदर्शन
AAP decide to fight VS election: मध्यप्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव परिणामों में आप को मिली सफलता ने राजनीतिक पंडितों का ध्यान उसकी ओर खींचा है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस के उपेक्षित नेताओं का आशा का केन्द्र भी चुनाव के समय आम आदमी पार्टी का बनना लगभग तय माना जा रहा है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी से टिकट की चाह रखने वाले कई नेता आप की झाड़ू थाम कर चुनावी मैदान में दिखेंगे। कांग्रेस के 15 महीने का शासन छोड़ दें तो बीजेपी पिछले 18 साल से सत्ता में है। बीजेपी के कई लगातार विधायक बन रहे हैं और उनके पीछे नेताओं की एक लंबी फौज इन सालों में खड़ी हो गई है, जो पिछले कई सालों से विधानसभा के टिकट की बाट जोह रही है। बीजेपी में फिलहाल करीब 60 प्रतिशत विधायक ऐसे हैं जो कम से कम तीन बार से लगातार विधायक हैं। ऐसे में इस बार टिकट को लेकर बेहद घमासान तय है। टिकट न मिलने पर कई नेता आप का रुख कर सकते हैं। यही स्थिति कांग्रेस में भी संभावित है।
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आप डटकर करेगा मुकाबला
AAP decide to fight VS election: मध्यप्रदेश में ऐसा पहली बार नहीं हो रहा है। लगातार दस साल सत्ता में रहने वाली कांग्रेस के साथ 2003 के विधानसभा चुनाव में कुछ ऐसा ही हुआ था। तब कांग्रेस और अन्य दलों के कई नेताओं ने टिकट न मिलने पर समाजवादी पार्टी की साइकिल की सवारी कर ली थी। तब प्रदेश में चौथे नंबर की पार्टी माने जाने वाली सपा के सात विधायक चुनकर विधानसभा में पहुंचे थे। आम आदमी पार्टी भी इस बार ऐसा ही कुछ कमाल दिखा दें तो इसमें आश्चर्य नहीं होना चाहिए।

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