भोपाल । बीजेपी ने कर्नाटक के हिंदू वोटर्स के नुकसान की भरपाई एमपी में करने के लिए बड़ा एक्शन प्लान तैयार किया है। इसके लिए राज्य सरकार एक बार फिर समान नागरिक संहिता की तैयारी में जुट गई है। चुनाव के पहले यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की तैयारी है। इस पर सियासी बवाल भी शुरू हो गया है। तो क्या चुनौतियां हैं इस राह में और समान नागरिक संहिता पर अब तक क्या क्या हुआ है। इस मुद्दे पर भी हम डिबेट करेंगे। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के पहले बीजेपी अपने परंपरागत वोट बैंक को साधने के मिशन में जुट गई है। इसकी शुरुआत एमपी में कॉमन सिविल कोड से की जा रही है। उत्तराखंड की धामी सरकार की तर्ज पर एमपी में भी शिवराज जल्द UCC के लिए एक्सपर्ट कमेटी का गठन करने की तैयारी में है। जो इसका ड्राफ्ट तैयार करेगी।
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बीजेपी की इस कवायद में संघ भी साथ देगा। RSS पूरे प्रदेश में मुस्लिम बस्तियों में जाकर मतदाताओं को समान नागरिक संहिता के फायदे गिनाएगा। उधर संघ और भाजपा की इस कवायद पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है। ओवैसी की पार्टी AIMIM ने UCC को मुसलमानों को डराने की कवायद करार देकर अभी से विरोध शुरू कर दिया है और कांग्रेस भी खुलकर विरोध में आ गई है।
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दरअसल हाल ही में कर्नाटक में हुए चुनावों में बीजेपी को हिंदू वोटर्स ने तगड़ा झटका दिया है। लिहाज़ा कर्नाटक कांग्रेस जीत गई। कर्नाटक में हिंदू वोटर्स के नुकसान की भरपाई के लिए बीजेपी MP में UCC लाने की बात कर रही है। अब देखना ये होगा कि अगर MP में ये कानून आता है तो इसका सबसे ज्यादा फायदा मुसलमानों को होगा या बीजेपी को।
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