Reported By: Naveen Singh
,भोपाल: Congress Changes Candidate मध्यप्रदेश में चुनाव रोमांचक होते जा रहे हैं। टिकट कटने से नाराज़ दावेदारों की प्रेशर पॉलिटिक्स भी कामयाब होती दिख रही है। कांग्रेस ने दूसरी बार टिकट बदले हैं,कांग्रेस ने अपनी तीसरी सूची में चार सीटों पर फेरबदल कर सबको चौंका दिया है। खबर मिल रही है कि कांग्रेस निवाड़ी, शुजालपुर, आमला के अलावा इक्का दुक्का सीटों पर भी देर रात तक बड़े बदलाव कर सकती है। फिलहाल कांग्रेस में टिकट बदलने पर बीजेपी कह रही है कि कांग्रेस डर गई है।
Congress Changes Candidate मध्यप्रदेश में टिकट कटने से नाराज़ दावेदारों का विरोध आखिरकार काम आया। कांग्रेस ने नाराज़ नेताओं के सामने सरेंडर कर दिया। फिलहाल कांग्रेस ने दूसरी दफा टिकटों में बदलाव किया है। इसके पहले कांग्रेस ने तीन सीट गोटेगांव, पिछोर और दतिया से टिकट बदला था और अब कांग्रेस ने सुमावली से कुलदीप सिकरवार की जगह मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाहा,बड़नगर से राजेंद्र सोलंकी की जगह मौजूदा विधायक मुरली मोरवाल,पिपरिया में गुरु चरण खरे की जगह विरेंद्र बेलवंशी और जावरा से हिम्मत श्रीमल की जगह विरेंद्र सिंह सोलंकी को टिकट दिया है। टिकटों में फेरबदल के पीछे कांग्रेस कह रही है कि पार्टी को हर हाल में चुनाव जीतना है इसलिए फेरबदल कर जिताऊ उम्मीदवारों को मौका दिया गया है।
दरअसल सुमावली में कांग्रेस को सबसे तगड़ा विरोध देखने को मिला था।अजब सिंह कुशवाहा ने कुर्ता फाड़ते हुए कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था और बसपा में शामिल हो गए थे , साथ ही कांग्रेस को चुनौती तक दे डाली थी कि कांग्रेस को मुरैना की 6 की 6 सीटों पर हार झेलनी पड़ेगी । इसके बाद पार्टी ने रिव्यू किया कहीं प्रत्याशी का विरोध भारी पड़ा, तो कहीं स्थानीय कार्यकर्ताओं का दबाव काम आया। तो कहीं जातीगत समीकऱण को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस को टिकट बदलना ही पड़ा। टिकट बदलने को लेकर भले ही कांग्रेस फीडबैक का आधार बता रही हो, लेकिन बीजेपी इसे कांग्रेस का डर बता रही है।
जाहिर है कांग्रेस हर हाल में सत्ता हासिल करना चाहती है। टिकट बदलना भी इसी रणनीति का हिस्सा है, लेकिन ये तो तय है कि कांग्रेस का सर्वे एक बार फिर फेल रहा। अब सवाल ये है कि, क्या प्रेशर पॉलिटिक्स की वजह से कांग्रेस ने प्रत्याशी बदले हैं? क्या प्रत्याशी बदलने से कांग्रेस अब तक हुए डैमेज से उबर पाएगी? जिनके नाम वापस लिए गए उनसे निपटने के लिए कांग्रेस का क्या प्लान होगा और क्या कांग्रेस के बार-बार प्रत्याशी बदलने से बीजेपी को फायदा होगा?