Face To Face Madhya Pradesh: गंगा जल पर रार..बीच में आया ‘भ्रष्टाचार’! आस्था और आयोजन के बीच ‘भ्रष्टचार’ का जिक्र क्यों ?
Face To Face Madhya Pradesh: गंगा जल पर रार..बीच में आया 'भ्रष्टाचार'! आस्था और आयोजन के बीच 'भ्रष्टचार' का जिक्र क्यों ?
Face To Face Madhya Pradesh/ Image Credit: IBC24
भोपाल। Face To Face Madhya Pradesh: महाकुंभ को लेकर लगातार पूरे देश में स्यासी वार पलटवार का दौर जारी है और अब सियासी रार छिड़ी है महांकुंभ के गंगाजल पर जो मंत्री विश्वास सारंग महाकुंभ से लेकर आए और अपने विधानसभा क्षेत्र में उन्होनें बंटवाया उनकी उसी पहल पर कांग्रेस तंज कस रही है। बात यहां तक जा पहुंची कि कांग्रेस ने ये कह दिया कि मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार की गंगा बह रही है। बस यही नहीं जिक्र महाकुंभ हादसे का भी कर दिया गया बस फिर क्या था ये जुबानी जंग जा पहुंची धर्म, सियासत, हिंदुत्व तक।
सारंग के गंगाजल बांटते विजुअल से शुरू करेंगे
मध्यप्रदेश के मंत्री विश्वास सारंग के संगम का जल बांटने का ये कार्यक्रम वैसा ही है जैसे दूसरे नेता जनता से जुड़ने के लिए अपने विधानसभा क्षेत्र में करते हैं। लेकिन इस बार मामला प्रयागराज महाकुंभ से संगम के जल का है। मंत्री जी ने बकायदा इसके लिए स्पेशल टैंकर भेजकर 40 हजार लीटर जल मंगवाया और अब उसे हर उस घर में पहुंचाया जा रहा है जो महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज नहीं पहुंच पाए।
संगम का जल घर-घर पहुंचाना गलत नहीं है, लेकिन मंत्री विश्वास सारंग शायद भूल गए कि बीजेपी के इसी तरीके का कांग्रेस विरोध करती आई है। कांग्रेस जहां धर्म और सियासत के बीच दूरी रखने की वकालत करती है। वहीं बीजेपी के लिए ऐसे कार्यक्रम राष्ट्रवाद से जोड़ना का मौका देते हैं। 1989 में राम मंदिर आंदोलन ने पूरे देश की सियासत को ही पलट कर रख दिया। अब बीजेपी को लगता है कि महाकुंभ से उसे और बूस्ट मिलेगा। जो गंगाजल घर-घर पहुंचाया जा रहा है उसमें बकायदा मंत्री जी की फोटो भी लगी है। कांग्रेस अब सवाल उठा रही है।
Face To Face Madhya Pradesh: कांग्रेस ने मौनी अमावस्या पर हुई मौतों की संख्या पूछ कर बीजेपी को कटघरे में खड़ा करने की कोशिश की है। लेकिन उसे भी पता है कि धार्मिक पिच पर बीजेपी के सामने टिकना आसान नहीं है। 144 साल बाद आए इस अद्भुत संयोग वाले महाकुंभ के बाद अगला कुंभ उज्जैन में ही होना है। ऐसे में घर-घर पहुंचाये जा रहे प्रयागराज के त्रिवेणी के इस पवित्र जल की अहमियत सिर्फ धार्मिक नहीं है।

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