#IBC24MINDSUMMIT :सुमित्रा बाल्मीक का महिलाओं को बड़ा संदेश, बताया कैसे बना सकती हैं खुद को सशक्त..देखें महिला सांसद का Exclusive इंटरव्यू

Sumitra Balmik on IBC24MINDSUMMIT: महिला सांसद से नारी सशक्तिकरण को लेकर पहला सवाल पूछा गया। महिला सांसद सुमित्रा बाल्मीक से पूछा गया कि महिलाओं को आगे लाने के लिए और रोजगार देने के लिए आप राजनीति में आई तो क्या लगता है कि आपका सपना आगे बढ़ा है?

#IBC24MINDSUMMIT :सुमित्रा बाल्मीक का महिलाओं को बड़ा संदेश, बताया कैसे बना सकती हैं खुद को सशक्त..देखें महिला सांसद का Exclusive इंटरव्यू

सुमित्रा बाल्मीक का महिलाओं को बड़ा संदेश, image source: ibc24

Modified Date: December 7, 2024 / 12:25 pm IST
Published Date: December 7, 2024 12:24 pm IST

भोपाल: Sumitra Balmik on IBC24MINDSUMMIT मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में शनिवार यानी आज को देश की दिग्गज हस्तियां मध्यप्रदेश के सरोकार से जुड़े विषयों पर अपनी राय जाहिर करने के लिए एक मंच पर आ रही हैं। मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का सबसे लोकप्रिय और भरोसेमंद चैनल IBC24 ये मंच मुहैया करा रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत हो गई है। पहले सेशन में IBC24 के इस महामंच में राज्यसभा सांसद सुमित्रा बतौर गेस्ट शामिल हुई। उन्होंने कई मुद्दे पर खुलकर बात की।

महिला सांसद से नारी सशक्तिकरण को लेकर पहला सवाल पूछा गया। महिला सांसद सुमित्रा बाल्मीक से पूछा गया कि महिलाओं को आगे लाने के लिए और रोजगार देने के लिए आप राजनीति में आई तो क्या लगता है कि आपका सपना आगे बढ़ा है?

इस पर महिला सांसद ने जवाब देते हुए कहा कि जब मैं राजनीति में नहीं थी तो महिलाएं समस्याओं से जूझ रही थी। और उन्हीं समस्याओं से प्रेरणा मिली। महिला सांसद ने कहा कि मैं सिलाई सीखी हुई थी तो महिलाओं को भी सिलाई सिखाई। जब राजनीति में आई तो महिलाओं के लिए नए रोजगार देने का अवसर मिला। सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए ही राजनीति में आना पड़ा।

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लोगों की समस्याओं सुनने के लिए गॉर्ड तक हटा दिया

सुमित्रा बाल्मीक से जब पूछा गया कि जब आप राजनीति में नहीं तो जिम्मेदारियां नहीं थी लेकिन जब आप एक सांसद के पद पर है तो जिम्मेदारियां भी बढ़ गई होगी। इस बीच, महिलाएं आपसे कैसे मिल पाती हैं? इस सवाल पर महिला सांसद ने कहा कि जब मैं नगर​ निगम चैयरमेन थी तो मुझे स्टाफ मिला हुआ था तो दो लोग बाहर खड़े रहते थे। जब कोई मिलने आता तो पूछा परमिशन लेने पड़ती थी। जिसके बाद बहुत कम लोग आने लगे। लोगों अपनी समस्याएं मुझ तक नहीं पहुंचा पा रहे थे। इसके बाद मैने अपना पूरा स्टाफ ही हटा दिया और लोग सीधा मेरे पास आकर अपनी समस्याएं सुनाने लगे।

पीएम मोदी ने हटाई गरीब-अमीर के बीच भेदभाव

Sumitra Balmik on IBC24MINDSUMMIT विधेयकों के कानून बनने और संसोधनों के सवालों को लेकर कोई भी विधेयक सीधे कानून नहीं बन जाता है। पहले सदन में विधेयक लाया जाता है। सामने विपक्ष होता है। उनसे चर्चा की जाती है। उसके बाद विधेयक सदन में पारित होता है। दलितों की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान समय में दलित समाज की स्थिति बेहद सम्मानजनक है। पहले दलित समाज के लोग पोखरों और तलाबों में पानी पीते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पीएम मोदी का सपना है कि एक ही पाइप लाइन का पानी गरीब-अमीर, छोटे और बड़े सभी वर्ग के लोग पीएं। यह कल्पना पहले भी हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ है। हवा और पानी और फसलों के उदाहरण के जरिए उन्होंने कहा कि प्रकृति से पैदा हुए चीजों पर सभी का अधिकार है। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

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‘रात को ही थाना पहुंच जाती थी’

महिलाओं की परेशानियां दूर करने के प्रयासों से संबंधित एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मैं अभी भी महिलाओं की समस्या जानने उनके घरों तक जाती हूं। हर घर की महिलाओं तक मेरा हृदयस्पर्शी संबंध है। मैं महिलाओं की समस्याओं पर अंदर तक रूचि लेती हूं और समस्याओं को दूर करने की कोशिश करती हूं। जब कोई बेटी शादी होकर आती है और नए घर में समन्वय नहीं कर पाती तो कई परेशानियां होती है। सास-बहू के बीच में झगड़ा होता है तो मैं उनके बीत समन्वय ब्रिज के रूप में काम करती हूं। किसी के पति को रात को पुलिस उठाकर ले जाती थी और महिला मेरे पास आती थी तो मैं उतनी ही रात को थाने पहुंच जाती थी। कई बार तो थाना प्रभारी के साथ विवाद की स्थिति बन जाती थी।

मैं अभी भी महिलाओं के चौंका-चूल्हा तक जाती हूं

आप महिलाओं की परेशानी दूर करने क्या करतीं हैं? इस पर उन्होंने कहा कि मैं अभी भी महिलाओं के चौंका-चूल्हा तक जाती हूं। मेरा एक हृदयस्पर्शी संपर्क है। उनकी परेशानियों में अंदर तक मैं रुचि लेती हूं। खासतौर पर जब कोई बेटी शादी कर के आती है तो नए घर को अड्जस्ट नहीं कर पाती, इस तरह की कई परेशानियां होती है। सास बहू में विवाद भी होता है। मैं उनके बीच में ब्रिज का काम करती हूं। समन्वय बिठाती हूं। सुमित्रा वाल्मीक ने कहा कि, जनता से सीधे संवाद करने के लिए मैने अपने गार्ड भी हटा दिए ताकि वे सीधे मेरे पास आकर अपनी समस्या बता सकें।

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16 साल तक सिलाई सिखाने का काम किया

महिला सशक्तिकरण को लेकर सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि जब मैं राजनीति में नहीं थी तो महिलाएं समस्याओं से जूझ रही थी। उन समस्याओं से मुझे प्रेरणा मिली। पति अगर काम पर चले गए तो पानी की प्रॉब्लम, कोई बीमार हो जाए तो स्वास्थ्य की समस्या, स्कूल में दाखिला करवाना है तो जाति प्रमाण पत्र की समस्या.. इस प्रकार की समस्या मैंने अपने आस पास देखा और फिर महिलाओं की डिलीवरी कराना, बच्चों का स्कूल में एडमिशन साथ ही मैंने सिलाई सीखी हुई थी तो महिलाओं को भी सिलाई सिखाई। 16 साल तक सिलाई सिखाने का काम किया। जब राजनीति में आई तो महिलाओं के लिए नए रोजगार देने का अवसर मिला।

राजनीति में महिलाओं के आने से साकार होगा पीएम का सपना

सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि, राजनीति में अगर महिलाएं आगे आएंगी तो पीएम मोदी का सपना साकार हो जाएगा। उन्होंने कहा कि, महिलाओं को राजनीति में आने के लिए पीएम मोदी ने पिछले सत्र में 35% आरक्षण की सुविधा दी। सीटें भी बढ़ेगी और एक साफ सुथरी तो छवि चाहते हैं। देश में बाबा साहेब अंबेडकर की कल्पना थी कि जब एक पुरुष वोट दे सकता है तो एक महिला भी वोट दे सकती है। उनकी कल्पना साकार हुई और बराबर का दर्जा मिला। राजनीतिक स्तर पर भी महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण होनी चाहिए। अगर महिलाएं बराबरी से राजनीति में आएगी तो मुझे लगता है कि, मोदी का जो सपना है कि आधी अबादी हमारी महिलाओं की है, उनकी भागीदारी राजनीति में होना चाहिए। उससे देश के निर्णय होते हैं।

इस तरह मिली राज्यसभा जाने की सूचना

सुमित्रा बाल्मीक से पूछा गया कि जब आपके पास फोन आया कि आपको राज्यसभा जाना है तो आपको कैसा लगा? इस पर महिला सांसद सुमित्रा बाल्मीक ने कहा कि जबलपुर में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यक्रम था तो वहां से जब मैं वापस घर आई तो मैनें अपने बेटे से कहा कि टमाटर की चटनी बनाते हैं और दो दो पराठें बनाते हैं। तभी प्रदेशाध्यक्ष बीडी शर्मा का फोन आया कि अभी भोपाल आना है और बाद में उन्होंने शिवराज सिंह को फोन पकड़ा दिया। जिसके बाद शिवराज सिंह की टिकट भेज दी गई है जल्दी आईए.. उस समय तक मुझे पता नहीं था कि क्यों बुला रहे हैं? तो जैसे ही मैं ट्रेन में बैठी तो आईबीसी24 जबलपुर संवाददाता विजेंद्र का फोन आया कि आपकी खबर चल रही है कि आप राज्यसभा जा रही हैं।

कांग्रेस पार्टी अभी कोमा में है: सुमित्रा महाजन

विजयपुर उपचुनाव में भाजपा की हार को लेकर सुमित्रा ने कहा कि कई बार पार्टी को समझौता करना पड़ता है। कई अंदरूनी किस्से होते हैं, जिसे सार्वजनिक मंचों पर नहीं कहा जा सकता है। विजयपुर में कांग्रेस की जीत को लेकर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अभी ऑक्सीजन नहीं मिल सकती है। कांग्रेस पार्टी अभी कोमा में है। कांग्रेस के लिए आगे की लक्ष्य प्राप्ति की कल्पना भी संभव नहीं है। मध्यप्रदेश की जनता भाजपा के कामों से संतुष्ट है। हमारे कार्यकर्ता प्रदेश के घरों तक पहुंचते हैं।

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‘चिकनी मिट्टी की तरह है राजनीति’

राजनीति को लेकर उन्होंने कहा कि राजनीति चिकनी मिट्टी है। इस पर संभल के पैर रखने पड़ते हैं। मैं मानती हूं कि राजनीति में काम करने के दौरान हमारे इर्द-गिर्द कई चुनौतियां आती है। इन चुनौतियों के बीच हमारा आत्मविश्वास अडिग रहे, इसका भी विशेष ध्यान रखना पड़ता है। नहीं तो राजनीति की चकाचौंध अच्छे-अच्छों को डिगा देती है। राजनीति में लोगों को लाभान्वित करने का प्रयास होना चाहिए। खुद के लाभ के लिए काम नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसकी शुरुआत स्वयं से होना चाहिए। लोगों हित के बारे में सोचकर हमारी नींद हराम हो जाना चाहिए। राजनीति वह ब्रह्मास्त्र है, जो लोगों के लिए संजीवनी के काम करता है। यह वह भी अस्त्र है जो लोगों को घायल कर सकता है। यह राजनेता के उपर निर्भर करता है।

दलितों की स्थिति को लेकर कही ये बात

विधेयकों के कानून बनने और संसोधनों के सवालों को लेकर कोई भी विधेयक सीधे कानून नहीं बन जाता है। पहले सदन में विधेयक लाया जाता है। सामने विपक्ष होता है। उनसे चर्चा की जाती है। उसके बाद विधेयक सदन में पारित होता है। दलितों की स्थिति को लेकर उन्होंने कहा कि भारत में वर्तमान समय में दलित समाज की स्थिति बेहद सम्मानजनक है। पहले दलित समाज के लोग पोखरों और तलाबों में पानी पीते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। पीएम मोदी का सपना है कि एक ही पाइप लाइन का पानी गरीब-अमीर, छोटे और बड़े सभी वर्ग के लोग पीएं। यह कल्पना पहले भी हो जाना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ है। हवा और पानी और फसलों के उदाहरण के जरिए उन्होंने कहा कि प्रकृति से पैदा हुए चीजों पर सभी का अधिकार है। इसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।

वहीं समिट में जब महिला सांसद से पूछा गया कि हर दिन 140 महिलाओं की हत्या हो रही है वो भी अपने ही घर में तो मोदी सरकार इस रोकने के लिए क्या कर रही है? तो इस पर सुमित्रा बाल्मीक ने सुनिए क्या कहा..


लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com